Edited By Tania pathak,Updated: 14 Mar, 2021 02:19 PM
तीन कानूनों के विरुद्ध चल रहे किसान आंदोलन चारों तरफ जारी है और इनमें कई किसानों की जान भी जा चुकी है।
सुनाम ऊद्धम सिंह वाला (बांसल): तीन कानूनों के विरुद्ध चल रहे किसान आंदोलन चारों तरफ जारी है और इनमें कई किसानों की जान भी जा चुकी है। पिछले लगभग 5 महीनों से किसानों द्वारा आत्महत्याओं का दौर जारी है। आज एक किसानी धरने दौरान अवतार सिंह गांव छाजली ने किसानी कानूनों के चलते कोई विषैली चीज खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की व जिसके चलते उसको एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया, परंतु उसकी हालत को गंभीर देखते हुए उसको पी.जी.आई. रैफर कर दिया गया।
इस सबंधी मिली जानकारी अनुसार आज दोपहर उसने कोई विषैली चीज खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की जिसको तुरंत एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया व इस समय वह उपचाराधीन है। परंतु उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
उसके मामा हरबंस सिंह व भाई जगतार सिंह के बताने अनुसार उसने एक सुसाइड नोट लिखकर जेब में डाला हुआ है। जिससे पता लगा है कि वह केन्द्र सरकार के काले कानून से तंग आकर उसने आत्महत्या करने की कोशिश की। उसके भाई जगतार सिंह का कहना है कि पंजाब सरकार को चाहिए कि किसानों के बिल व कर्जे माफ करे व इन 3 कृषि कानूनों विरुद्ध किसानों से कंधे से कंधा जोड़कर आगे चले। इस सबंधी किसान नेता दरबारा सिंह से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस काले किसानी कानूनों कारण किसान आत्महत्या कर रहे है।
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