PM योजनाओं में करोड़ों की ठगी, जालंधर-फिल्लौर से 3 साइबर ठग सरगना गिरफ्तार

Edited By Urmila,Updated: 29 Oct, 2025 12:09 PM

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आज तक हर किसी ने आम जनता के साथ साइबर ठगों द्वारा उनकी जानकारियां हासिल कर बैंक खातों से रुपए निकलवाने के अनेकों मामले सुने होंगे।

फिल्लौर (भाखड़ी) : आज तक हर किसी ने आम जनता के साथ साइबर ठगों द्वारा उनकी जानकारियां हासिल कर बैंक खातों से रुपए निकलवाने के अनेकों मामले सुने होंगे, राजस्थान पुलिस ने अंतर राज्य साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो प्रधानमंत्री प्रबंधन विभाग के पोर्टल सहित राज्य सरकारों की विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं में सेंध लगा कर सरकारी सिस्टम से धोखाधड़ी करते हुए गलत तरीके से करोड़ों रुपए राज्य सरकारों के खातों से निकलवा लिए।

इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए अभी तक 30 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 53 लाख रुपए नकद, नोट गिनने की मशीन, हजारों चैक बुक, पास बुक, हजारों ए.टी.एम. कार्ड फ्राड में इस्तेमाल की जाने वाली डिजीटल डिवाइस, 35 लैपटाप, 70 मोबाइल फोन, लगभग 11 हजार गलत अकाऊंट डिटेल, लग्जरी कारें, बेहिसाब दोपहिया वाहन, भारी मात्रा में ट्रैक्टर बरामद किए हैं।

यह गिरोह जो देश के कई राज्यों में फैला हुआ है, के मुख्य तार जालंधर व फिल्लौर से जुड़े निकले। आज वहां की पुलिस व एस.टी.एफ. के अधिकारियों ने फिल्लौर के गढ़ा गांव में रेड कर रोहित कुमार व जालंधर से संदीप शर्मा व सुनंत शर्मा को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की जो इस गिरोह के प्रमुख सरगना बताए जाते हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि संदीप शर्मा इस गिरोह के प्रमुख रामावतार सैनी के लिए क्लोन आफिशियल वैबसाइट डिवैल्प करने का काम करता था। इसके अलावा सुनंत शर्मा पंजाब में मुख्य हैंडलर व वैबसाइट डिवैल्पर्ज को मिलाने का काम करता था।

राजस्थान से शुरू हुआ यह आप्रेशन

राजस्थान के झालवाड़ पुलिस अधीक्षक अमित कुमार द्वारा पंजाब के फिल्लौर शहर में भेजी पुलिस पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह इतना शातिर है जो केंद्र व राज्य सरकारों की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए जारी की जाने वाली राशि को साइबर ठगी कर बड़े पैमाने पर बैंक खातों में से निकलवाने में कामयाब हो गए।

जैसे ही पुलिस को इस ठगी का पता चला तो साइबर पुलिस ने देशभर में आप्रेशन शटरडाऊन की शुरूआत की जिसके बाद पता चला की इस साइबर ठगी में कुछ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं बल्कि इस गिरोह के तार राजस्थान से शुरू होकर दिल्ली व पंजाब तक फैले हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने हरकत में आते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके पास से मिले लगभग 11 हजार बैंक अकाऊंट खातों को जो गलत ढंग से खोले गए थे, उन्हें तुरंत फ्रीज करवाया। इन बैंक खातों में सरकारी खातों से निकलवाई गई करोड़ों रुपयों की राशि होनी पाई गई है। इसके अलावा कुछ और खाते हैं जिनकी डिटेल आने के बाद पूर्ण राशि का खुलासा हो सकेगा।

आरोपियों के पास से पी.एम. किसान सम्मान निधि योजना के यूजर को एक्टीवेट/डीएक्टीवेट करने की एस.ओ.पी. मिली

अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के पास से केंद्र सरकार द्वारा जारी एस.ओ.पी. जिसमें विभिन्न राज्यों के पी.एम. किसान सम्मान निधि वैबसाइड पर नोडल अधिकारियों की जगह प्राइवेट व्यक्तियों को इन योजनाओं की वैबसाइट पर यूजर बनाने एक्टीवेट करने और डीएक्टीवेट करने की एस.ओ.पी. की ई-मेल फाइल भी प्राप्त हुई है।

उन्होंने बताया कि आरोपियों के कब्जे से बड़े स्तर पर पी.एम. किसान सम्मान निधि पोर्टल का डाटा मिला है जिसमें लाभपार्थियों के आई.डी. अकाऊंट नंबर, नाम, मोबाईल नंबर और आधार कार्ड नंबर अंकित है। इनके पास से गुजरात राज्य के करीब 2 लाख, असम राज्य के करीब 40 हजार और राजस्थान राज्य के करीब 55 हजार लाभपार्थियों के डाटा के अलावा 15 हजार लोगों के आधार आई.डी. की सूची भी मिली है।

सरकारी खाते में लूट मचाने के बाद दफ्तर खुलने से पहले लॉगिन आई.डीज को डी-एक्टीवेट कर देते आरोपी

उन्होंने बताया पकड़े गए आरोपी इनके गिरोह के लोग इतने शातिर हैं कि यह गांव में रहने वाले उन लोगों का डाटा इकट्ठा कर लेते जिनका रजिस्ट्रेशन लैंड सीडिंग/के.वाई.सी. अन्य कारणों के चलते इनएक्टीव हो गए थे। यह गिरोह के लोग उन लोगों को वापस इन योजनाओं में जोड़ने का झांसा देकर उनका डाटा प्राप्त कर एक्सेल शीट के मुख्य एजैंट को उपलब्ध करवा देते जिसका सम्पर्क आगे ऊपरी स्तर पर इन योजनाओं के पोर्टल वैबसाइट आप्रेट करने वाले लोगों से है।

इस खेल के मास्टर माइंड जिसके पास पूरे प्रदेश का डाटा इकट्ठा होता वह पहले प्रदेश के नोडल आफिस के आप्रेटर का, उसके पश्चात जिला नोडल अधिकारी की अतिरिक्त आई.डी. क्रिएट कर उसके बाद इन सभी आई.डी. को आगे अपने गिरोह के लोगों को पासवर्ड सहित भेज देता।

प्रदेश नोडल आफिस का आप्रेटर व उसके गुर्गे इन आई.डी. का उपयोग सरकारी दफ्तर बंद होने के बाद रात्रि को कर सभी स्तर के ओ.टी.पी. बाईपास करते हुए गलत ढंग से पी.एम. किसान सम्मान निधि के आपात्र व्यक्तियों को पात्र बना देते। रात को सरकारी खजाने में लूट मचा कर यह शातिर अपराधी प्रातः होते ही दो नंबर की बनाई गई सभी आई.डी. को डीएक्टीवेट कर देते।

अधिकारियों ने बताया कि देशभर में हो रही गिरफ्तारियों के चलते इस गिरोह के कुछ लोग अंडरग्राऊंड हो गए हैं। जिनकी सूचना उनकी तस्वीर लगा कर नाम और पते सहित की जाएगी। इनको पकड़वाने वाले लोगों का नाम गुप्त रखा जाएगा और उन्हें 25 हजार के ऊपर का ईनाम भी दिया जाएगा।

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