Edited By Tanuja,Updated: 11 Aug, 2020 11:54 AM
राज्य सरकार ने अपनी ही पार्टी के राज्य सभा मैंबर प्रताप सिंह बाजवा को दी सुरक्षा वापस ले ली है, जिस के बाद सूबो की राजनीति गरमा गई है। बाजवा ने...
चंडीगढ़ (अश्वनी): पंजाब में कोविड के कारण पैदा हुए हालात और ओर मुश्किलों को देखते हुए राज्य के नेताओं की सुरक्षा नीति के बारे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से अहम फ़ैसला लिया गया है। कैप्टन सरकार नेताओं को दी सुरक्षा के लिए लागू नीति को बदलाव करने की तैयारी में है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने राज्य की सुरक्षा नीति संबंधी समिति की बैठक भी बुला के लिए है और सरकार अब मंत्रियों, संसद सदस्यों और विधायकों समेत उनके परिवारों को अलग -अलग सुरक्षा देने संबंधी विचार कर रही है।
राज्य सरकार ने अपनी ही पार्टी के राज्य सभा मैंबर प्रताप सिंह बाजवा को दी सुरक्षा वापस ले ली है, जिस के बाद सूबो की राजनीति गरमा गई है। बाजवा ने सरकार के फ़ैसले को राजनितिक बदला लेने वाला बताया है, परन्तु इसका जवाब कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से यह कह दिया गया है कि यह पंजाब पुलिस की तरफ केंद्रीय एजेंसी के साथ विचार-अदला बदली के साथ सुरक्षा की समीक्षा संबंधी समय -समय किया जाने वाला आम अभ्यास था, जो हालातों की तबदीली और गतिशीलता को ध्यान में रखते सभी सुरक्षा रखने वालों बाबत लगातार किया जाता है।
6000 से ज़्यादा जवान सुरक्षा में तैनात
सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि सुरक्षा समिति की प्रस्तावित बैठक में सरकार मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों, पूर्व संसद सदस्यों, विधायकों और पूर्व विधायकों को दी जाने वाली सुरक्षा साथ-साथ ऐसे नेता, जिनको ज़्यादा ख़तरा है, के परिवारों को अलग सुरक्षा देने के बारे नक्षा तैयार कर रही है। इसका फ़ैसला बैठक में ही लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल दौरान 6500 से ज़्यादा सुरक्षा कर्मचारियों को वापस बुला लिया है। परन्तु अभी भी पुलिस के करीब 6000 से ज़्यादा मुलाज़ीम अलग -अलग वी. आई. पी की सुरक्षा में ड्यूटी दे रहे हैं।