Edited By Sunita sarangal,Updated: 16 Oct, 2021 10:43 AM
कस्टम और सी.जी.एस..टी विभाग की लड़ाई में नया ट्विस्ट, आज सारा दिन सोशल मीडिया पर कस्टम द्वारा जारी नोटिस नंबर...
लुधियाना (सेठी): कस्टम और सी.जी.एस..टी विभाग की लड़ाई में नया ट्विस्ट, आज सारा दिन सोशल मीडिया पर कस्टम द्वारा जारी नोटिस नंबर-लीगल/263232 दिनांक 14/10/2021 काफी वायरल रहा। जिससे दोनों विभागों के अधिकारियों के बीच सनसनी का माहौल बना रहा। कस्टम ने अपने सीनियर स्टैंडिंग कौंसिल को नोटिस भेज इस बात का साक्ष्य देने को कहा जिसमें कस्टम के किसी अधिकारी द्वारा कोर्ट में यह जवाब दायर किया हो कि इस मामले में सुनील दत्त को सी.जी.एस.टी. विभाग अपना मुखबर बता रहा हैं।
विभाग ने यह भी लिखा है, कि कस्टम द्वारा पूरे मामले के दौरान फाइल किए गए जवाब या एफिडेविट में कहीं इस चीज का जिक्र नहीं। इसके अतिरिक्त कस्टम विभाग ने नोटिस में लिखा है, कि सीनियर स्टैंडिंग कौंसिल वर्तमान मामले में अकेले विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, इसके साथ विभाग ने उनसे अनुरोध किया है कि कृपया विभाग को ऐसी जानकारी के स्रोत से अवगत कराएं और सबूतों को विभाग के साथ सांझा करें।
- कोर्ट के आर्डर का हवाला, जिसमे यह लिखा गया है, कि कस्टम विभाग के स्टैंड के मुताबिक सी.जी.एस.टी. विभाग के अधिकारी की सुनील दत्त तथा अन्य दोषियों के साथ सांठगांठ है, जिसके चलते सी.जी.एस.टी. विभाग दत्त को अपना इन्फॉर्मर दर्शाने की कोशिश कर रहा है।
- जहां एक तरफ यह चिट्ठी वायरल होने के बाद दोनों विभागों में सनसनी फैल गई है, वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है, कि हाईकोर्ट की जजमेंट के बाद सी.बी.आई. ने वीरवार को इस मामले की जांच अपने अधीन ले ली है, क्योंकि लिखित आदेश बुधवार देर शाम आए थे। सी.बी.आई. ने अपनी तैयारी कर टीमों का गठन कर, दोनों विभागों से केस फाइलें तलब कर ली है।
- सी.बी.आई. के अधिकारी इस मामले में दोनों विभागों के अतिरिक्त लोगों से भी पूछताछ करेगा और जांच कर पता करेगा कि याचिकाकर्त्ता सुनील दत्त, जिसने एंटीसिपेटरी बेल दायर की थी। उसका दावा सच्चा है या नहीं? क्या वह सच में सी.जी.एस.टी. का इन्फॉर्मर है?
- इसके साथ ही सी.बी.आई. यह भी जांच करेगा, कि पकड़े गए सिगरेट कंटेनर में जहां दोनों विभाग एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। उसमे असल दोषी कौन-से विभाग के अधिकारी है। आने वाले दिनों में सी.बी.आई. दोनों विभाग के अधिकारियों की गिरफ्तारियां भी कर सकता है। जिससे दोनों विभागों के अधिकारियों के बीच डर का माहौल है।
- कोर्ट ने दोनों विभाग के डायरेक्टरेट जरनल को लताड़ते हुए अपनी जजमेंट में यह भी लिखा कि यह मामला इंटरनल लेवल पर क्यों नहीं सेटल किया गया। जबकि दोनों विभाग एक ही आर्गेनाइजेशन सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम (सी.बी.आई.सी.) से सम्बंधित है।
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