Edited By swetha,Updated: 15 Jul, 2019 09:32 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे द्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग परमिट की जरूरत को हटाने के लिए पाकिस्तान के फैसले का स्वागत किया है।
चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे द्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग परमिट की जरूरत को हटाने के लिए पाकिस्तान के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही पासपोर्ट की शर्त भी हटाने की अपील की ताकि ग्रामीण इलाकों से भी श्रद्धालुओं को दर्शन करने की सुविधा हासिल हो सके।
अन्य मांगों को पूरा करवाने के लिए पाक पर जोर डालेगा भारत
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि अन्य मांगों को भी मंजूर करवाने के लिए भारत सरकार के जरिए पाकिस्तान पर जोर डाला जाएगा, जिसमें 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर पाकिस्तान की ओर से श्रद्धालुओं की रोजमर्रा की गिनती बढ़ाने की मांग भी शामिल है। यह मांग इसलिए अहम है जिससे नवम्बर माह में प्रकाश पर्व के अहम दिनों के अवसर पर श्रद्धालुओं के बिना दिक्कत आने-जाने को यकीनी बनाया जा सके।
विशेष मौकों पर श्रद्धालुओं की गिनती बढ़ाए जाने की जरूरत
कैप्टन अमरेंद्र ने कहा कि मूल प्रस्ताव मुताबिक 500 श्रद्धालुओं की जगह पाकिस्तान ने अब एक दिन में 5000 श्रद्धालुओं के जाने को सहमति दे दी है परंतु दुनियाभर से श्रद्धालुओं की बड़ी मांग की आशा के मद्देनजर कम से कम विशेष मौकों पर श्रद्धालुओं की गिनती बढ़ाए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान की तरफ से ओ.सी.आई. और पी.आई.ओ. कार्ड होल्डरों को इजाजत के फैसले की भी सराहना की। इस संबंधी पहले भारत सरकार से अपील की थी। गौरतलब है कि एम.ओ.यू. में पाकिस्तान ने सिर्फ भारतीय यात्रियों को इजाजत देने का सुझाव दिया था। अमरेंद्र ने सप्ताह के सातों दिन श्रद्धालुओं को जाने के लिए उनकी अपील के प्रति पाकिस्तान को सहमत करने के लिए प्रयासों के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया।
रावी दरिया पर पुल निर्माण के लिए बनी सहमति का स्वागत
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक गलियारा तब तक अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर सकेगा जब तक गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों की सुविधा देने के लिए विभिन्न मुद्दों के प्रति पाकिस्तान और नरम रवैया अपनाने पर सहमत नहीं होता। मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान की तरफ से रावी दरिया पर पुल निर्माण के लिए भारत की मांग पर सहमति प्रकट करने की सराहना करते हुए प्रगतिशील कदम बताया। साथ ही भारत सरकार से अपील की कि उनकी तरफ से रखी अन्य मांगों पर सहमति बनाने के लिए पाकिस्तान के साथ नजदीक का तालमेल और संपर्क बनाया जाए।