Edited By Sunita sarangal,Updated: 02 Aug, 2020 09:49 AM
रक्षाबंधन के त्योहार के कारण शनिवार को बस अड्डे में महिला यात्रियों की भीड़ लग गई, जिस कारण रुटीन के मुताबिक अधिक बसें चलाईं गई..........
जालंधर(पुनीत): रक्षाबंधन के त्योहार के कारण शनिवार को बस अड्डे में महिला यात्रियों की भीड़ लग गई, जिस कारण रुटीन के मुताबिक अधिक बसें चलाईं गई, जिनसे सरकारी और प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों को अधिक वसूली हुई। दूसरे शहरों में जाने के लिए सुबह से ही महिला यात्रियों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी क्योंकि रविवार को लॉकडाउन होने के कारण महिला यात्री अपनी मंजिल पर शनिवार को ही पहुंच जाना चाहतीं थीं।
पंजाब रोडवेज की ओर से शनिवार को 157 बसें चलाईं गई, जिनमें 2430 यात्रियों ने सफर किया। इसके साथ विभाग को 2,37,886 रुपए की कलेक्शन हुई। पी.आर.टी.सी. की ओर से 20 बसें अलग-अलग रूटों पर रवाना की गई, जबकि प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों की 45 बसें चली। बटाला के लिए चली 11 बसों में सबसे अधिक 248 यात्री रवाना हुए। इसी तरह पठानकोट और नवांशहर के लिए 14 -14 बसें चलाईं गई, जिनमें क्रमश: 176 और 139 यात्री बैठे। होशियारपुर की 10 बसों में 82 और तरनतारन की 9 बसों में 107 यात्री रवाना किए गए। जालंधर के दोनों डिपुओं की ओर से 69 बसें चलाईं गई, जिनमें 1,483 यात्रियों से विभाग को 1,45,644 रुपए प्राप्त हुए। रविवार को भी रुटीन से अधिक बसें चलने का अनुमान है, जिसके लिए विभाग की ओर से बसों को पहले ही तैयार रखा गया है।
महिला यात्री विशाखा ने कहा कि उसके मायके गढ़शंकर में हैं। बस से उतरने के बाद मायके पहुंचने के लिए उसे 2 आटो बदलने पड़ते हैं। रविवार को बंद होने के कारण कोई दिक्कत न आए, इसीलिए आज ही अपने मायके पहुंचने को प्राथमिकता दे रही है। अन्य महिलाओं ने भी कहा कि रविवार को बंद होने के कारण वह कोई जोखिम नहीं उठाना चाहतीं। दूसरी ओर जालंधर बस अड्डे की बात की जाए तो आज रवाना होने वाले यात्रियों को मास्क आदि पहनने के लिए जागरूक करते लगातार अनाउंसमैंट करवाई गई। इसके बावजूद कुछ लोग बिना मास्क भी नजर आए।
दूसरे राज्यों में बसें न चलने के कारण महिलाओं को घर पहुंचने में परेशानी
पंजाब के लिए तो बसें चल रही हैं परन्तु दूसरे राज्यों में अपने घरों को जाने वाली महिलाओं को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि दूसरे राजयों में बसें चलने पर रोक है। महिलाओं का कहना था कि राखी के त्योहार को देखते हुए केंद्र सरकार को खास दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए थे जिससे उन्हें सुविधा मिल सकती।