Edited By Sunita sarangal,Updated: 20 Oct, 2021 12:13 PM
अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को पदभार संभाले 15 दिन से अधिक समय हो गया है लेकिन अभी तक अधिकारियों के पदों में कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है।
जालंधर (पुनीत): अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को पदभार संभाले 15 दिन से अधिक समय हो गया है लेकिन अभी तक अधिकारियों के पदों में कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है। नए मंत्री बनने के बाद संबंधित विभाग में तबादलों का दौर चल रहा है, जिससे सभी की निगाह राजा वड़िंग के कार्यकाल में होने वाले फेरबदल पर है।
सूत्रों ने कहा कि वड़िंग ने कार्यभार संभालने के तुरंत बाद तबादला नहीं किया लेकिन इस पर काम करना शुरू कर दिया है। राजा वड़िंग ने जिस शहर में जाकर छापेमारी की है, वहां के कामकाज पर गहराई से जांच की हैं। इसलिए नए अधिकारियों की नियुक्ति करने से पहले विभिन्न पहलुओं पर लंबी विचार चर्चा रोजाना हो रही है। बताया जा रहा है कि राजा वारिंग ने मंगलवार को ट्रांसपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। बैठक में नवनिर्मित तबादलों की सूची पर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि इस बार जो तबादला होगा वह किसी की भी कल्पना से परे होगा क्योंकि वड़िंग ऐसे अधिकारियों को नियुक्त करना चाहते हैं जिन पर दबाव बना कर गलत काम न किया जा सके।
आमतौर पर यह देखने में आया है कि ट्रांसपोर्ट विभाग में अधिकांश वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति संबंधित शहरों के वरिष्ठ नेताओं या मंत्रियों के इशारे पर की जाती है। किसी भी नेता के लिए इस बार की पोस्टिंग में दखल देना काफी मुश्किल नजर आ रहा है। इस बार काम करने वालों को महत्व दिया जाएगा और उन्हें पावर दी जाएगी ताकि वे विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म कर इसका लाभ उठा सकें। उधर, जिन डिपो में राजा वड़िंग अभी तक चेकिंग के लिए नहीं पहुंचे हैं, वहां के अधिकारी काफी सतर्क नजर आ रहे हैं। तबादलों के डर से सफाई की व्यवस्था के लिए अन्य सुविधाओं पर भी नजर रखी जा रही है।
इस समय रोडवेज में कई अधिकारियों को नजरअंदाज किया हुआ है। काम करने वाले अधिकारियों को दूर शहरों में पोस्टिंग दी गई है, जहां काम का वर्कलोड ही नहीं है। कई अधिकारी तो ऐसे डिपो में काम कर रहे हैं, जहां जहां विभाग की ए.सी. बसें भी नहीं मिल रही हैं। देखना होगा कि राजा वड़िंग के कार्यकाल में काम करने वाले अधिकारियों की नियुक्ति कैसे होती है। एक बात तो तय है फेरबदल में कई लोगों की अहम जिम्मेदारियां होगी। अब जिम्मेदारी मिलने के बाद वह किस ढंग से काम करेंगे, यह देखने वाली बात होगी क्योंकि राजा वड़िंग के आने के बाद से कई अधिकारी भी एक्टिव हो चुके हैं, जो दूरदराज के शहरों में छोटे डिपो से बड़े शहरों में काम कर रहे हैं।
जालंधर की बात करें तो यहां रोडवेज के 2 डिपो हैं। दोनों डिपो पंजाब के प्रमुख डिपो में शुमार हैं। यहां डिपो-2 के जी.एम पद काफी समय से खाली है तथा जी.एम. परमवीर सिंह को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। डिपो-2 में स्वतंत्र रूप से कार्य करना हेतु जी.एम. जरूरत है और अधिकारी इससे अच्छी तरह वाकिफ हैं। डिपो -2 हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों के लिए कई समय सारिणी चलाता है, जिसके परिणामस्वरूप यहां वर्कलोड ज्यादा होता है। सूत्रों ने बताया कि डिपो-2 में जी.एम. लगाने के लिए सहमति लगभग बन चुकी है और यहां पहले जी.एम. के तौर पर काम कर चुके पुराने अधिकारी को नए जी.एम. तैनात किया जा सकता है।
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