Edited By Kamini,Updated: 13 Sep, 2024 05:56 PM
कई दुकानें बंद करा दीं, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
बरनाला : बरनाला बस स्टैंड पर उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब एसजीपीसी टास्क फोर्स के कर्मचारी और दुकानदार आपस में भिड़ गए। दरअसल, एसजीपीसी कर्मचारियों ने कई दुकानें बंद करा दीं, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। उधर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैनेजर और अन्य कर्मचारियों ने बातचीत करते हुए कहा कि बरनाला के बस स्टैंड के पास सभी दुकानें शिरोमणि कमेटी की हैं, लेकिन महंत प्यारा सिंह ने बिना किसी अदालत के आदेश के दुकानदारों को गुमराह करके दुकानों से किराया वसूलना शुरू कर दिया है।
ये दुकानें पिछले 50 वर्षों से एसजीपीसी के नाम पर किराए पर हैं और एसजीपीसी यह किराया वसूलती रही है लेकिन उक्त महंत ने दुकानों का किराया आधा करने की पेशकश की। महंत समेत कुछ दुकानदार इन दुकानों पर कब्जा करना चाहते हैं। वे उनकी दुकानों को हड़पना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में दुकानदार किराया नहीं दे रहे हैं जबकि कुछ दुकानदार किराया दे रहे हैं। अब तक उन्होंने 8 दुकानों पर ताला लगा दिया है। यह कार्रवाई कानून के दायरे में की जा रही है। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर इस मसले को सुलझाने की कोशिश की है, जिसके चलते एसजीपीसी की टार्स फोर्स के कर्मचारियों ने अपनी कार्रवाई रोक दी है।
क्या कहना है प्रर्शनकारी दुकानदारों का?
इस मौके पर प्रदर्शनकारी दुकानदारों ने कहा कि बस स्टैंड के पास की दुकानें डेरा बाबा गांधा सिंह की हैं। पहले ये दुकानें एसजीपीसी के अधीन थीं लेकिन कुछ समय पहले डेरा और एसजीपीसी कोर्ट में जा रहे थे। डेरे ने हाई कोर्ट से केस जीत लिया हैं। इसके बाद डेरे के महंत बाबा प्यारा सिंह ने दुकानदारों से बात की और उन्हें इस बारे में आश्वासन दिया। इसके बाद सभी दुकानदार डेरे के महंत प्यारा सिंह को दुकानों का किराया देने लगे। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने डराने-धमकाने की नीति के तहत दुकानदार यूनियन अध्यक्ष पर हमला किया है। इसके बाद सभी दुकानदार एकजुट हो गए और इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि आज एसजीपीसी ने उनकी दुकानों में तोड़फोड़ की है। दुकानों में लाखों का माल है। एसजीपीसी की यह धक्केशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, वे इसका विरोध करेंगे। दुकानदारों ने प्रशासन से एसजीपीसी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
महंत प्यारा सिंह ने कही ये बात
इस अवसर पर महंत प्यारा सिंह ने कहा कि एस.जी.पी.सी वह दुकानदारों को धक्का दे रही है। ये दुकानें डेरा बाबा गांधा सिंह की हैं। आज एसजीपीसी मैनेजर 200 लोगों को तलवार और लाठियों के साथ लेकर आए और दुकानदारों से मारपीटकी गई। दुकानदारों को दुकानों से बाहर निकाल दिया गया। दुकानों में तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कहा कि इस गुंडागर्दी का अधिकार किसी को नहीं है। अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वह कोर्ट जा सकता है। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मालिकाना हक को लेकर एसजीपीसी को आदेश दिया था। मामला खारिज कर दिया गया।
जानें क्या बोले डीएसपी
इस संबंध में डी.एस.पी. बरनाला सतवीर सिंह ने कहा कि बरनाला बस स्टैंड के आसपास कई दुकानें हैं। इन दुकानों के मालिकाना हक को लेकर डेरा बाबा गांधा सिंह और एसजीपीसी के बीच विवाद चल रहा है। ये मामला कोर्ट में था। उन्होंने कहा कि ये दुकानें एसजीपीसी ने कुछ दुकानदारों को दी थीं लेकिन अब कुछ दुकानदारों ने एसजीपीसी को किराया नहीं दिया है। एसजीपीसी के मुताबिक, उन्होंने ठेके की शर्तों के मुताबिक काम किया है। वहीं, दुकानदार एसजीपीसी की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। प्रशासन दोनों पक्षों से बातचीत कर रहा है। दोनों को बैठाकर मामला सुलझाया जा रहा है। अगर दुकानदारों से धक्केशाही की गई तो पुलिस कार्रवाई करेगी।
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