Edited By Mohit,Updated: 26 Nov, 2020 04:39 PM
पंजाब के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सभी सेहत सुविधाएं देने के दावे............
जीरकपुर (मेशी): पंजाब के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सभी सेहत सुविधाएं देने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं, जिसकी मुंह बोलती तस्वीर सेहत सुविधाओं के उल्ट उस वक्त जीरकपुर के ढकौली अस्पताल में देखने को मिली जब मरीजों सहित पारिवारिक सदस्यों को काफी दर तक धक्के खाने पड़े, क्योंकि यहां जो भी मरीज पहुंचता है, उसका इलाज करने की बजाय उसे मोहाली फेज-6 का अस्पताल रैफर कर दिया जाता है।
इस तकलीफ संबंधी गर्भवती महिला हरविंदर कौर पत्नी गुरसेवक सिंह निवासी जीरकपुर के पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि बीती रात वह ढकौली के हेल्थ सेंटर अस्पताल में पहुंचे थे, जहां एक डॉक्टर और एक महिला डॉक्टर ने काफी समय के बाद उनको मोहाली के अस्पताल में रैफर किया। इसके अलावा आगे कहा कि वह पहले ही मोहाली अस्पताल में चले जाते तांकि जो समय खराब हुआ है, वह बच जाता।
पारिवारिक सदस्यों ने आगे बताया कि गर्भवती होने के कारण तकलीफ बढ़ने पर जब हम फेज-6 के अस्पताल पहुंचे तो उसके हालात उससे भी खराब थे, जहां जच्चा-बच्चा वार्ड आगे पहुंचे तो वहां वार्ड में कुत्ते सोते नजर आए और ठंड में मरीज और पारिवारिक सदस्य बड़े कमरे में जमीन पर सोए और बैठे नजर आए, जहां ओर मरीजों ने कहा कि यहां रात को डॉक्टर भी नहीं हैं और जो स्टाफ का व्यक्ति बैठा था, वह अपने मोबाइल पर वॉट्सएप चैट में लगा हुआ था।
इससे साफ होता है कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों के प्रति सेहत सेवाएं देने में असफल दिखाई दे रहा है। पारिवारिक सदस्यों ने कहा कि सेहत विभाग के मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के अपने हलके मोहाली के अस्पताल की तस्वीर सेहत सुविधाओं के खोखले दावों की पोल खोलती बयान कर रही है। दूसरी तरफ लोगों को सेहत सुविधाएं ना मिलने के कारणजहां रैफर करते समय खराब होता है, वहीं आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ता है और मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाने में इस्तेमाल की तेजी के कारण बड़ी परेशानी भी पैदा होती है, जिस कारण पंजाब सरकार लोगों की सेहत सुविधाओं की ओर अधिक ध्यान देने की जरुरत है।