Edited By swetha,Updated: 20 Jan, 2020 10:52 AM
सिख प्रचारक भाई रणजीत सिंह ढडरियां वालों का दमदमी टकसाल वालों के साथ टकराव बढ़ता जा रहा है, जो सिख कौम के लिए अच्छा संकेत नहीं। जिक्रयोग्य है कि बीते कल प्रो. सरचांद सिंह ने एक प्रैस बयान द्वारा कहा था कि भाई रणजीत सिंह ढडरियां वालों के खिलाफ 12...
पटियाला(जोसन) : सिख प्रचारक भाई रणजीत सिंह ढडरियां वालों का दमदमी टकसाल वालों के साथ टकराव बढ़ता जा रहा है, जो सिख कौम के लिए अच्छा संकेत नहीं। जिक्रयोग्य है कि बीते कल प्रो. सरचांद सिंह ने एक प्रैस बयान द्वारा कहा था कि भाई रणजीत सिंह ढडरियां वालों के खिलाफ 12 बीघे जमीन है। इस बाबत सोशल मीडिया पर लाइव होकर भाई रणजीत सिंह ढडरियां वालों ने प्रो. सरचांद की तरफ से लगाए आरोपों का खंडन किया है।
भाई ढडरियां वाले ने कहा कि दमदमी टकसाल वाले ही उनके खिलाफ साजिशें रच रहे हैं और प्रो. सरचांद सिंह टकसाल का ही मुख्य वक्ता है, जिसने उसके खिलाफ ये आरोप लगाए हैं कि उनके नाम पर परमेश्वर द्वार में 2 एकड़ जमीन है। उन्होंने कहा जब परमेश्वर द्वार के लिए जमीन खरीदी थी तो 150 बीघे की रजिस्ट्री श्री गुरु ग्रंथ साहिब के नाम करवा दी थी, जबकि जिस व्यक्ति से उन्होंने जमीन खरीदी थी, उसने 12 बीघे जमीन पर बैंक से लोन लिया हुआ था जो उसने 2016 में उतार दिया और 2016 में वह जमीन उनके नाम करवा दी गई। उन्होंने कहा कि यदि वह 150 बीघे जमीन गुरु ग्रंथ साहिब के नाम करवा सकते हैं तो 12 बीघे लगवाने में क्या हर्ज है?
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में ही वह बाकी रहती करीब 12 बीघे जमीन श्री गुरु ग्रंथ साहिब के नाम लगवा देंगे। भाई रणजीत सिंह ढडरियां वालों ने कहा कि टकसाल वाले ही अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा उसके खिलाफ अकाल तख्त साहिब में शिकायतें करवाते हैं।
कभी छबील लगाकर उनकी आवाज को दबाने की कोशिशें की जाती हैं परंतु उन्हें मारने तक की साजिशें रच कर भी टकसाल वाले उनकी आवाज नहीं दबा सके। ढडरियां वालों ने कहा कि वह पिछले 21 साल से प्रचार कर रहा है और प्रचार दौरान सिख धर्म बारे सत्य बोलता है और उनके सत्य से इनके ब्रह्म ज्ञानी झूठे पड़ रहे हैं। इस लिए वे उनकी आवाज को दबाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लोग दूसरों की प्यास बुझाने के लिए छबील लगाते हैं परन्तु टकसाल वालों ने तो खून की प्यास बुझाने के लिए छबील लगाई परंतु इसके बावजूद भी वे उन्हें डरा नहीं सके।
ढडरियां वालों ने प्रो. सरचांद सिंह और टकसाल वालों को वीडियो के द्वारा कहा कि आप जरनैल सिंह भिंडरां वालों के नाम पर खा रहे हो परन्तु उनके उद्देश्य पर नहीं चल रहे, क्योंकि भिंडरां वाले जुल्म के खिलाफ सरकारों से भी टक्कर लेते रहे परन्तु आप तो सरकार के पैरों में बैठे हो। उन्होंने कहा कि आप श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के पास मिन्नतें करके उन्हें पंथ में से भी निकलवा लो, उन्हें कोई परवाह नहीं। ढडरियां वालों ने कहा कि ये लोग जो मर्यादा की बातें करते हैं, इनको चाहिए कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को विदेशों में लेकर जाओ और वहां गुरुद्वारों में चल रही अलग-अलग मर्यादा को एक करवाएं। उन्होंने कहा कि उनका पर्दाफाश करने वाले प्रो. सरचांद सिंह अपना घर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के नाम करवा कर दिखाएं।
ढडरियां वाला मुझे कोसने की बजाय अपने अंदर झांके : प्रो. सरचांद
प्रो. सरचांद सिंह ने भाई रणजीत सिंह ढडरियां वाला को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि मेरे द्वारा उसकी सच्चाई बयान करने पर मेरे पर खूब भड़ास निकालते हुए ढडरियां वाले ने उन शब्दों का इस्तेमाल किया जोकि एक सभ्य मनुष्य के लिए सही नहीं है। भाई साहिब मेरा बेस एक अध्यापन का है।
राजनीतिक नेताओं के बाद प्रचारक और अध्यापक समाज के लिए एक रोल ऑफ माडल हुआ करते हैं, क्योंकि अध्यापकों का काम बच्चों को विद्या के साथ अच्छे मार्ग की शिक्षा दिलाना होता है। एक प्रचारक के रूप में आप पर समाज व संगत को सामाजिक और आध्यात्मिकता के साथ रू-ब-रू करवाने की भी बड़ी जिम्मेदारी है, परंतु मुझे अफसोस है कि मेरे द्वारा किए गए खुलासे का जवाब देते हुए आपने मेरे खिलाफ बड़ी ही असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया, जो आपकी बौखलाहट, एक बीमार मानसिकता और हताशा को भी दर्शाता है।
संगत से हमदर्दी हासिल करने के लिए आपने कहा कि जब से आपने अपनी बात खुलकर कहना शुरू की, दमदमी टकसाल ने विरोध करना शुरू किया। श्री अकाल तख्त साहिब में फरियाद की। सोचने वाली बात है कि आपका ही विरोध क्यों? क्योंकि आप गुरुघर के उलट जा चुके हो। आज तक किसी ने भी यह नहीं कहा कि मैंने गुरु साहिब के नाम जमीन की, मिसाल हमारे सामने हैं।
राड़ा साहिब, हरखोवाल दमदमी टकसाल या बुड्ढा दल किसी के पास भी अपने नाम जमीन नहीं है। सब गुरु पंथ के नाम पर हैं जहां लोह लंगर चलता है। हमने कब कहा कि आप 150 बीघा जमीन गुरु साहिब के नाम कर दें। यह सब कुछ आप ने शोहरत हासिल करने के लिए किया। आखिर में मैं कहूंगा कि मुझे कोसने की बजाय अपने अंदर झांक कर देखो। कल आप कहां थे और आज कहां खड़े हो।