Edited By Urmila,Updated: 21 Oct, 2025 01:07 PM
बरनाला शहर में इन दिनों डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकारी और निजी अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे हुए हैं, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव देखा जा रहा है।
बरनाला (विवेक सिंधवानी, रवि) : बरनाला शहर में इन दिनों डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकारी और निजी अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे हुए हैं, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव देखा जा रहा है। डेंगू के बढ़ते मामलों ने न सिर्फ मरीजों और उनके परिवारों की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड पर ला दिया है।
मौसम में बदलाव और जलभराव के कारण एडीज मच्छर का प्रजनन बढ़ गया है, जिससे यह जानलेवा बुखार तेजी से फैल रहा है। शहर के प्रमुख अस्पतालों में बेड की कमी महसूस होने लगी है और गंभीर मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। कई लोग मामूली बुखार होने पर भी घबराकर अस्पताल पहुंच रहे हैं और अपनी सीबीसी (प्लेटलेट काउंट) जांच करवा रहे हैं, जिसके कारण लैबों में भी अत्यधिक भीड़ है।
बरनाला के निजी अस्पतालों में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। सिद्धू मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के एमडी डॉक्टर मनप्रीत सिद्धू ने बताया कि “इस वर्ष अब तक पिछले साल की तुलना में लगभग 60% अधिक डेंगू के मरीज सामने आए हैं। कई मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या 20,000 से भी नीचे चली गई, जिनमें से कुछ को प्लाज्मा चढ़ाना पड़ा। उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना जरूरी है कि डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं है, केवल लक्षणों के अनुसार उपचार ही संभव है। इसलिए बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है।
शहर के प्रमुख ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि इस मौसम में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ना सामान्य बात है, क्योंकि बरसात के बाद जमा हुआ पानी मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल माहौल बनाता है। उन्होंने कहा कि डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, जो साफ पानी में पनपता है और दिन के समय काटता है। ऐसे में लोगों को विशेष रूप से सुबह और शाम के समय सावधानी बरतनी चाहिए।
डॉ. ग्रोवर ने बताया कि डेंगू के शुरुआती लक्षणों में अचानक तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, और उल्टी-मतली शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और खून की जांच करवाएं। उन्होंने कहा खुद से दवा लेने या बुखार में दर्दनिवारक दवा (Pain Killer) लेने से बचें, क्योंकि यह प्लेटलेट्स को और घटा सकती है।
डॉ. ग्रोवर ने बताया कि डेंगू के मरीज को हल्का और पौष्टिक भोजन देना चाहिए। नारियल पानी, पपीता का रस, गिलोय का पानी और तरल पदार्थों का सेवन प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मददगार होता है। उन्होंने कहा पानी की कमी डेंगू में सबसे खतरनाक होती है, इसलिए मरीज को लगातार हाइड्रेटेड रखना जरूरी है।
शहर निवासी सतपाल शर्मा ने बताया कि उनके इलाके में पिछले एक हफ्ते में कई लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। उन्होंने नगर परिषद से फॉगिंग करवाने और मच्छररोधी छिड़काव बढ़ाने की मांग की। वहीं, सीमा देवी, जो अपने बेटे को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाई थीं, ने कहा कि भीड़ बहुत ज्यादा है, लेकिन डॉक्टर मरीजों को पूरा ध्यान दे रहे हैं। अस्पताल में जांच और दवा समय पर मिल रही है। इस गंभीर स्थिति के बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टर लगातार लोगों को घबराने के बजाय सावधानी और संयम बरतने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों ने डेंगू से बचाव और उपचार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी, जिसे सभी नागरिकों के लिए जानना आवश्यक है :
1. पहचान और प्रारंभिक कदम
* लक्षणों को पहचानें : यदि किसी को अचानक तेज बुखार (102°F से ऊपर), असहनीय सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द (इसे 'हड्डी तोड़ बुखार' भी कहते हैं), उल्टी या मतली और शरीर पर चकत्ते (रैशेज) हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।* खुद से दवा न लें: डॉक्टर की सलाह के बिना एस्पिरिन या आईबुप्रोफेन (Ibuprofen) जैसी दर्द निवारक दवाएं बिल्कुल न लें। ये दवाएं रक्तस्राव के खतरे को बढ़ा सकती हैं। बुखार के लिए केवल पैरासिटामोल का उपयोग करें, वह भी डॉक्टर की सलाह के बाद।
* हाइड्रेशन सबसे जरूरी: डॉक्टर लगातार अधिक से अधिक पानी, नारियल पानी, ओआरएस घोल, ताजे फलों का रस और नींबू पानी पीने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि डेंगू में शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
* पूर्ण आराम: बुखार रहने तक पूर्ण रूप से आराम करें।
* खतरे के संकेत: यदि बुखार उतरने के बाद भी पेट में तेज दर्द हो, बार-बार उल्टी हो, मसूड़ों या नाक से खून आने लगे, पेशाब की मात्रा कम हो जाए, या बहुत ज्यादा बेचैनी महसूस हो, तो तुरंत अस्पताल में भर्ती हों।
2. डेंगू से बचाव के प्राथमिक उपाय
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू का सबसे अच्छा उपचार इसका बचाव ही है। यह बीमारी साफ पानी में पनपने वाले एडीज मच्छर के काटने से फैलती है और यह मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटता है।
* पानी जमा न होने दें : अपने घर और आस-पास कूलर, गमले, फूलदान, पुराने टायर, टूटे बर्तन या किसी भी खुली जगह में साफ पानी जमा न होने दें। कूलर का पानी रोज़ बदलें और कंटेनरों को अच्छी तरह से रगड़ कर साफ करें।
* मच्छरदानी और रिपेलेंट : दिन हो या रात, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। शरीर के खुले हिस्सों पर मच्छर भगाने वाली क्रीम या लोशन लगाएं।
* सुरक्षित कपड़े : पूरी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें ताकि शरीर ज़्यादा से ज़्यादा ढका रहे। हल्के रंग के कपड़े मच्छरों को कम आकर्षित करते हैं।
* घर की सुरक्षा: घर की खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएँ। शाम के समय घर के अंदर मच्छर भगाने वाली कॉइल या एरोसोल स्प्रे का उपयोग करें।
* जागरूकता फैलाएं: अपने आस-पड़ोस में साफ-सफाई बनाए रखने और पानी जमा न होने देने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाएँ।
3. पौष्टिक आहार :
* प्लेटलेट्स का ध्यान: डॉक्टर पपीते के पत्तों के अर्क या काढ़े को एक घरेलू उपाय के रूप में सुझाते हैं, लेकिन इसकी वैज्ञानिक पुष्टि न होने के कारण इसे केवल सहायक के रूप में लें, मुख्य इलाज के तौर पर नहीं। गिलोय और तुलसी का काढ़ा भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक माना जाता है।
* इम्युनिटी बढ़ाएँ: कीवी, अनार, चुकंदर, हरी सब्जियां और प्रोटीन युक्त आहार लें जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
* बचने वाली चीजें: मसालेदार, तैलीय भोजन, फास्ट फूड और कैफीन युक्त पेय पदार्थों से परहेज़ करें।
शहर में डेंगू की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग को युद्धस्तर पर फॉगिंग (धुंआ) और लार्वा नष्ट करने के लिए अभियान चलाने की आवश्यकता है। वहीं, नागरिकों को भी डॉक्टरों की सलाह पर गंभीरता से अमल करते हुए, 'हर शुक्रवार डेंगू पर वार' जैसे अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। सामूहिक प्रयास और सावधानी ही इस डेंगू के कहर से बरनाला शहर को निजात दिला सकते हैं।
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