पर्यावरण संरक्षण को लेकर गैर-संजीदगी से खफा नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल

Edited By swetha,Updated: 13 Dec, 2019 11:48 AM

national green tribunal

मॉनीटरिंग कमेटी ने पारित किया प्रस्ताव

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब के 2 प्रमुख सचिव नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निशाने पर आ गए हैं। ट्रिब्यूनल ने चीफ सैक्रेटरी को आदेश दिया है कि संबंधित अधिकारियों के मामले में एक्शन लें। ट्रिब्यूनल ने यह आदेश सतलुज-ब्यास प्रदूषण मामले में गठित मॉनीटरिंग कमेटी की शिकायत पर जारी किया है। मॉनीटरिंग कमेटी ने 26 नवम्बर 2019 को ट्रिब्यूनल के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई थी कि पंजाब के अधिकारी पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर नहीं हैं। 

पर्यावरण संरक्षण के संबंध में बुलाई गई अहम बैठक तक में ये अधिकारी भाग नहीं लेते। लिखित तौर पर की गई इस शिकायत में कमेटी ने स्थानीय निकाय विभाग और जल स्त्रोत विभाग के प्रमुख सचिवों का जिक्र करते हुए कहा कि पंजाब के कई अधिकारियों सहित इन दोनों अधिकारियों को ई-मेल के जरिए सतलुज-ब्यास प्रदूषण से जुड़ी एक अहम बैठक में निजी तौर पर शामिल होने के लिए सूचित किया गया था लेकिन ये अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए। साथ ही, इन्होंने ई-मेल का जवाब तक नहीं दिया, जिसके चलते अहम बैठक को स्थगित करना पड़ा।

मॉनीटरिंग कमेटी ने पारित किया प्रस्ताव 
इन अधिकारियों के रवैये को लेकर मॉनीटरिंग कमेटी ने बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया कि पवित्र बेईं में दूषित पानी की निकासी और कमेटी द्वारा जारी समय-समय पर निर्देशों की अनदेखी बेहद गंभीर मामला है। इसी संबंध में स्थानीय निकाय विभाग और जल स्रोत विभाग के प्रमुख सचिवों को 25 नवम्बर 2019 को पत्र भेजकर सूचित किया गया था कि 26 नवम्बर 2019 को 11.30 बजे मोहाली के सैक्टर- 68 में स्थित फॉरैस्ट कॉम्पलैक्स में बैठक बुलाई गई है, जिसमें अधिकारी निजी तौर पर उपस्थित हों। संबंधित अधिकारियों को ई-मेल और फोन के जरिए भी बैठक की सूचना दी गई थी। बावजूद इसके इन अधिकारियों या संबंधित कार्यालय की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। उधर, निर्धारित तारीख को बैठक हुई। कमेटी ने 11.45 बजे तक प्रमुख सचिवों की प्रतीक्षा की लेकिन दोनों अधिकारियों का कोई रिस्पांस नहीं आया। यह रवैया इन अधिकारियों की एक ऐसे गंभीर मामले पर गैर-संजीदगी को दर्शाता है, जो सीधा भावी पीढ़ी से जुड़ा है। साथ ही यह नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर गठित कमेटी की सीधे तौर पर अवमानना भी है। ऐसे में इन अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण बैठक को स्थगित किया जाता है और उचित कार्रवाई के लिए यह रिपोर्ट नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को भेजी जाती है। 

प्रस्ताव पर ट्रिब्यूनल ने की कार्रवाई
मॉनीटरिंग कमेटी की इस प्रस्ताव रूपी शिकायत के आधार पर ही अब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब के चीफ सैक्रेटरी को उचित कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। ट्रिब्यूनल के समक्ष पंजाब के पक्षकार ने कहा कि इस मामले को पंजाब में सबसे उच्च प्रशासनिक स्तर पर देखा जाए और इस संबंध में जो भी कार्रवाई बनती होगी, वह निश्चित तौर पर की जाएगी। ट्रिब्यूनल ने इसी आधार पर उचित कार्रवाई के निर्देश जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई अप्रैल-2020 में निर्धारित की है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!