Edited By Vatika,Updated: 16 Oct, 2019 02:10 PM
चंडीगढ़ रोड 32 सैक्टर स्थित ऑटोमेटिड टैस्ट ट्रैक पर लापरवाही का दौर जारी है, जिसका खमियाजा आवेदकों को धक्के खाकर भुगतना पड़ रहा है।
लुधियाना(राम): चंडीगढ़ रोड 32 सैक्टर स्थित ऑटोमेटिड टैस्ट ट्रैक पर लापरवाही का दौर जारी है, जिसका खमियाजा आवेदकों को धक्के खाकर भुगतना पड़ रहा है। यहां तक की ट्रैक के मुलाजिम व अफसर इतने लापरवाह हैं कि डेढ़ साल में एक लाइसैंस भी रिन्यू नहीं कर पाते।
बाड़ेवाल निवासी नाहीद अखतर ने बताया कि उन्होंने अपना ड्राइविंग लाइसैंस रिन्यू करवाने के लिए 31 मई 2018 में आवेदन फार्म भरा था। इसके बाद वह कम से कम 30 चक्कर ट्रैक पर लगा चुके हैं। मगर डेढ़ साल गुजरने के बाद आज तक भी उनका लाइसैंस उनको नहीं मिल पाया। इस बारे में जब ट्रैक मुलाजिमों से बात करते हैं तो पहले उनका तर्क था कि लाइसैंस रिन्यू होने का काम चंडीगढ़ से होकर आता है। मगर कई महीने बीतने के बाद भी उन्होंने टाल-मटोल का रवैया जारी रखा हुआ है। अब वह जब भी ट्रैक पर लाइसैंस के बारे में पता करने जाते हैं तो कभी मुलाजिम अपनी सीटों से गैर हाजिर मिलते हैं तो कभी खाना खाने गए होते हैं। वह इस संबंध में ट्रैक इंचार्ज नीलम से भी कई बार शिकायत कर चुके हैं, मगर आज तक कोई उनकी कोई सुनवाई नहीं हो पाई।
पहले भी सामने आ चुके हैं लापरवाही के मामले
यह पहला मामला नहीं है जब किसी आवेदक की फाइल को ट्रैक दफ्तर की धूल फांकनी पड़ी हो। इससे पहले भी ट्रैक पर आवेदक 4-4 महीने अपनी फाइलें उठाकर लाइसैंस बनवाने के लिए धक्के खाते रहते हैं मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। कई आवेदकों की तो फाइलें भी गुम कर दी जाती हैं।
ध्यान में नहीं मामला, करवाऊंगी जांच : इंचार्ज नीलम
इस संबंधी जब ट्रैक की इंचार्ज नीलम से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी मामला उनके ध्यान में नहीं है। मगर फिर भी वह इस मामले की बुधवार को खुद जांच करवाएंगी कि इस तरह के कितने मामले पैंङ्क्षडग पड़े हैं। जिसके बाद वह इस तरह के मामलों को जल्द से जल्द हल करवाने की कोशिश करेंगी।