Edited By swetha,Updated: 06 Apr, 2020 11:11 AM
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के कारण घर बैठे गरीब और मजदूरी करने वाले परिवारों ने सहायता प्रदान न करने पर पंजाब सरकार के खिलाफ छतों पर बर्तन खड़खड़ाकर नारेबाजी की।
मुक्तसरः कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के कारण घर बैठे गरीब और मजदूरी करने वाले परिवारों ने सहायता प्रदान न करने पर पंजाब सरकार के खिलाफ छतों पर बर्तन खड़खड़ाकर नारेबाजी की। किसान यूनियन के नेता तरसेम सिंह खुंडे हलाल ने कहा कि कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण वह घरों से निकलकर काम पर नहीं जा रहे न ही घर का राशन ला पा रहे हैं। कई दिन उन्हें खाली पेट सोकर गुजारने पड़ रहे हैं।
एक तरफ सरकार दावा कर रही हैं कि हर एक गरीब परिवार तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं। पर सच्चाई इससे कोसों दूर हैं। गरीब लोगों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच रही। उन्होंने राशन, दवाएं,मास्क और सैनिटाइटर की मांग की। उन्होंने कहा कि मजदूर लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पंजाब खेत मजदूर यूनियन के एक कार्यकर्ता मेजर सिंह, जिन्होंने कालेके गांव में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, ने कहा कि भूमिहीन खेत मजदूरों के पास राहत सामग्री तक पहुंच नहीं है। मदद मांगने पर कई लोगों को पुलिस की बर्बरता का भी सामना करना पड़ा। अगर वे खेतों में काम करने की हिम्मत करते हैं, तो वे हमें डंडों से पीटते हैं।
राज्य सरकार द्वारा गरीबों के लिए घोषित की गई राशन आपूर्ति केवल कागजों तक ही सीमित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई उद्योग और कंपनियां लुधियाना, मांगी गोबिंदगढ़, मोहाली, अमृतसर और अन्य शहरों में श्रमिकों की सेवाओं को समाप्त कर रही हैं। उनमें से अधिकांश को ठेकेदारों के माध्यम से काम पर रखा गया था। यूनियनों ने श्रमिक वर्ग के लिए मुआवजे की मांग के साथ हीनौकरी की सुरक्षा की मांग की।