कांग्रेस हाईकमान द्वारा के.पी. को इस विधानसभा सीट से टिकट देने की बन सकती है सहमति, पढ़ें

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 23 Jan, 2022 05:07 PM

k p by congress high command give ticket to this assembly seat

पंजाब के विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस हाईकमान की तरफ से दूसरी सूची जारी होने का टिकटों के दावेदार काफी बेसब्री के साथ इन्तज़ार कर रहे हैं क्योंकि जहां दूसरी सूची में बाकी 31 विधानसभा हलकों के साथ सम्बन्धित उम्मीदवार का ऐलान होना है, वहीं पहली...

जालंधर (चोपड़ा): पंजाब के विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस हाईकमान की तरफ से दूसरी सूची जारी होने का टिकटों के दावेदार काफी बेसब्री के साथ इन्तज़ार कर रहे हैं क्योंकि जहां दूसरी सूची में बाकी 31 विधानसभा हलकों के साथ सम्बन्धित उम्मीदवार का ऐलान होना है, वहीं पहली जारी की गई 86 उम्मीदवार की सूची जारी होने उपरांत कांग्रेसी उम्मीदवार खिलाफ उठी बगावती सुरों के कारण बागी कांग्रेसी नेता कुछ विधानसभा हलकों के उम्मीदवार के बदले जाने संबंधी काफी आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं।

इन हलकों में जालंधर का आदमपुर विधानसभा हलका भी शामिल है, जहां सेंग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व सांसद महेन्दर सिंह के.पी. की टिकट काट कर एक महीना पहले बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए सुखविन्दर सिंह कोटली को दे दी गई। के.पी. जोकि आदमपुर के अलावा जालंधर वैस्ट हलके से भी टिकट के दावेदार थे परन्तु कांग्रेस हाईकमान ने यहां मौजूदा विधायक सुशील रिंकू पर दोबारा भरोसा जताते उनको उम्मीदवार ऐलान बना दिया। वहीं के.पी. के हाथों आदमपुर की टिकट भी निकल गई। हालांकि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नजदीकी रिश्तेदार होने के कारण के.पी. काफी आश्वस्त थे कि उनको उनके पुराने हलके जालंधर वैस्ट से टिकट मिल जाएगी, जिस कारण उन्होंने पिछले महीनों दौरान वैस्ट हलके में अपनी, राजनीतिक सरगर्मियाँ बढ़ा दीं थीं परन्तु वैस्ट और आदमपुर से टिकटों बांटने के मामलो में मुख्यमंत्री चन्नी की शायद एक न चली, जिस कारण रिंकू और कोटली के नाम का ऐलान हो गया।

वहीं अपनी टिकट को कटता देख के.पी. ने बगावती सुर ऐलान कर दिया कि वह हर हालत में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। चुनाव कैसे और किस पार्टी की तरफ से लड़नी है, इस बारे उन्होंने पत्ते नहीं खोले थे। के.पी. की नाराजगी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री चन्नी ने भी हाईकमान के फैसले को गलत बताते दावा किया कि जल्द हाईकमान इस फैसले पर फिर विचार करेगी।

कांग्रेस के 31 उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने को लेकर बीते दिन कांग्रेस हाईकमान की तरफ से बनाई सब -समिति की मीटिंग में पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चन्नी के बीच राय न मिलने कारण पैदा हुए विवाद के बाद सूची का ऐलान आज फिर से लटक गया है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के जनरल सचिव के.सी. वेणुगोपाल, अम्बिका सोनी और अजय माकन ने आज के.पी. के मसले पर भी सलाह-परामर्श किया, जिसमें के.पी. को आदमपुर से टिकट का दावेदार बनाने पर हाईकमान की सहमति बन गई है। ऐसे में हाईकमान सुखविन्दर कोटली को आदमपुर की बजाय बंगा से चुनाव मैदान में उतार सकती है।

दूसरी तरफ के.पी. के नजदीकी सूत्रों की मानें तो के.पी. को हाईकमान ने आदमपुर से टिकट देने पर सहमति दे दी है परन्तु अब के.पी. का कहना है कि उनको आदमपुर से नहीं, बल्कि वैस्ट हलके से ही टिकट मिले। अब देखना होगा कि हाईकमान के.पी. को आदमपुर से चुनाव लड़ने के लिए मना पाती है या नहीं। यदि के.पी. को आदमपुर से चुनावी मैदान में उतारा जाता है तो कोटली को बंगा शिफट किया जाएगा या नहीं, इन सवालों के जवाब पर चढ़ी धुंध की चादर हटने में 1-2 दिनों का समय लग सकता है।

वहीं आदमपुर हलके से टिकट काटने पीछे के.पी. का मानना है कि इस साजिश के पीछे कैबिनेट मंत्री परगट सिंह का हाथ है क्योंकि पिछले महीने जालंधर के प्रतापपुरा में हुई कांग्रेस की रैली में परगट सिंह ने ही मुख्यमंत्री चन्नी, कांग्रेस के प्रांतीय इंचार्ज हरीश चौधरी और सुनील जाखड़ की मौजूदगी में कोटली को कांग्रेस में शामिल करवाया था। परगट सिंह का कोटली को कांग्रेस में शामिल करवाना ही के.पी. पर भारी पड़ रहा माना जा रहा है, जिस कारण के.पी. भी अब खुलेआम कह रहे हैं कि वह कैंट से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। 

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