Edited By Urmila,Updated: 23 Oct, 2024 11:27 AM
दिवाली पर पटाखे चलाने की परंपरा दशकों से चली आ रही है। ज्यों-ज्यों जमाना आधुनिक होता जा रहा है, त्यों-त्यों दिवाली पर्व मनाने और पटाखे चलाने के तौर तरीके भी बदलते चले जा रहे हैं।
जालंधर : दिवाली पर पटाखे चलाने की परंपरा दशकों से चली आ रही है। ज्यों-ज्यों जमाना आधुनिक होता जा रहा है, त्यों-त्यों दिवाली पर्व मनाने और पटाखे चलाने के तौर तरीके भी बदलते चले जा रहे हैं। कुछ साल पहले तक एक परिवार कुछ सौ रुपए के पटाखे खरीद कर दिवाली मना लेता था परंतु अब हजारों रुपए खर्चने के बाद भी वह बात नहीं बनती। कुछ बड़े परिवार तो अब लाख लाख रुपए के पटाखे भी खरीदने लगे हैं। ऐसे में पटाखा कारोबार का स्वरूप भी बदलता जा रहा है।
आज से कुछ साल पहले तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर अशोक कुमार गुप्ता ने तंग बाजारों में बिक रहे पटाखों पर सख्ती की और खुले स्थान पर पटाखे बेचने के निर्देश दिए। इसके बाद जिला प्रशासन ने बर्ल्टन पार्क में पटाखों की मार्कीट लगवा दी। पिछले कई साल से बर्लटन पार्क में ही पटाखों की अस्थाई मार्कीट लगती चली आ रही है। यहां हर साल करोड़ों रुपए का पटाखा बेचा और खरीदा जाता है। इस साल भी बर्ल्टन पार्क में अस्थाई पटाखा मार्कीट लगभग तैयार हो चुकी है और आने वाले कुछ दिनों में वहां पटाखे की बिक्री प्रारंभ हो जाएगी परंतु कारोबारियों को मलाल यह है कि उन्हें कारोबार करने के लिए एक सप्ताह का समय भी नहीं मिलता।
फिलहाल मार्कीट के लिए जालंधर पुलिस ने 20 ड्रा निकाल दिए हैं और पटाखा मार्कीट में 20 ब्लॉक बनाए जा रहे हैं जिनमें दुकानों की संख्या 130 के करीब है। वहीं पिछले कुछ सप्ताह से त्यौहारों के मद्देनजर जी.एस.टी. विभाग शहर के अंदरूनी बाजारों और मार्कीटों में सक्रिय है और दुकानदारों को बिल काटने और टैक्स भरने के लिए विवश किया जा रहा है।
सैकड़ों दुकानदारों को नोटिस सर्व करके जुर्माने लगाए जा चुके हैं और जगह-जगह चैकिंग का काम भी जारी है। क्योंकि पटाखा मार्कीट में हर साल करोड़ों रुपए का कारोबार होता है, इसलिए इस बार जीएसटी विभाग की पैनी नजर बर्ल्टन पार्क पटाखा मार्कीट पर भी है। पता चला है कि जी.एस.टी. विभाग के अधिकारियों ने पटाखा विक्रेताओं को निर्देश दिए हैं कि जी.एस.टी. नंबर इत्यादि लेकर ही कारोबार करें और हर सामान का बिल काटा जाए। इन दुकानदारों से एडवांस टैक्स के रूप में 21-21 हजार रुपए की डिमांड भी निकाली गई है। इसे लेकर भी पटाखा विक्रेताओं में रोष पनप रहा है।
निगम ने दुकानों का किराया अढ़ाई गुना किया
पिछले कई सालों से पटाखा मार्कीट से संबंधित दुकानदार नगर निगम को तहबाजारी फीस के रूप में 5 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर से किराया अदा करते आए हैं। इस बार जब पटाखा विक्रेता निगम ऑफिस पहुंचे तो उनसे अढ़ाई गुना ज्यादा यानी 12 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से चार्ज की मांग की गई। पता चला है कि अभी पटाखा विक्रेताओं ने रसीदें नहीं कटवाई हैं और बढ़े हुए किराए पर रोष व्यक्त किया जा रहा है। दुकानदारों का कहना है कि निगम कोई सहूलत तो देता नहीं पर किराया लगातार बढ़ाता जा रहा है। पटाखा मार्कीट के दुकानदार निगम द्वारा बढ़ाए गए किराए को कम करवाने के प्रयासों में लगे हुए हैं।
चार ग्रुपों और विभिन्न दलों में बंटी हुई है मार्कीट
पिछले कुछ सालों से पटाखा मार्कीट में आकर कारोबार करने वालों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। इस बार भी 130 के करीब दुकानदार हैं जो इस मार्कीट में अपने उत्पाद बेचने के लिए आ रहे हैं। मुख्य तौर पर बर्लटन पार्क की पटाखा मार्कीट चार ग्रुपों में बंटी हुई है। एक ग्रुप बलदेव बल्लू और संजीव बाहरी इत्यादि का है जिसके पास करीब 10 दुकानें हैं और यह सभी होलसेल यानी बड़ा कारोबार करते हैं। दूसरा ग्रुप रवि महाजन का है जिसे भाजपाइयों का ग्रुप भी कहा जाता है। इस ग्रुप के पास भी 50 के करीब दुकानें हैं और यह ग्रुप पिछले कई सालों से एक्टिव है।
तीसरा ग्रुप राणा हर्ष वर्मा का है जो मूल रूप से कांग्रेसी समर्थक माना जाता है। इस ग्रुप के पास भी 40 के करीब दुकानें हैं। तीसरा ग्रुप विकास भंडारी के ग्रुप के नाम से जाना जाता है । यह ग्रुप किसी खास राजनीतिक पार्टी से तो जुड़ा हुआ नहीं है परंतु सभी पार्टियों के पास इसका आना-जाना है। इस ग्रुप के पास भी 30 के करीब दुकानदार हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो अभी तक आम आदमी पार्टी की कोई पैठ बर्लटन पार्क पटाखा मार्कीट में नहीं बनी है। दूसरी ओर कांग्रेस के विधायक और भारतीय जनता पार्टी के कई नेता पटाखा मार्कीट में लगातार हस्तक्षेप करते हैं।
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