Edited By Urmila,Updated: 11 Nov, 2024 02:03 PM
पांच दिन बीत जाने के बाद भी बुक्कियों की मार और धमकियों से परेशान होकर गायब हुए पंटर का कोई सुराग नहीं लग सका है। च
जालंधर : पांच दिन बीत जाने के बाद भी बुक्कियों की मार और धमकियों से परेशान होकर गायब हुए पंटर का कोई सुराग नहीं लग सका है। चर्चा है कि कहीं बुक्कियों ने तो उसे रंजिशन गायब तो नहीं कर दिया क्योंकि पंटर का मोबाइल चंडीगढ़ में ही जहां बुक्कियों ने उसकी पिटाई की थी।
सूत्रों की मानें तो चश्मे वाला बुकी जालंधर के एक नेता का नाम इस्तेमाल करके नेता की छवि तो खराब कर ही रहा और इसके साथ-साथ उसने पंटर को भी धमकाया था कि वह नेता को कह कर उसके खिलाफ झूठा केस दर्ज करवा देगा, जिसके बाद उसे सारी उम्र जेल में भी काटने पड़ेगी। जब पंटर के साथ पिटाई की तो चश्मे वाले बुकी व जालंधर के ही एक अन्य बुकी के साथ कुछ बदमाश भी थे जिनसे बुक्कियों ने पंटर को बुरी तरह पिटवाया था। बताया जा रहा है कि पंटर का दोनों बुक्कियों के साथ 60 लाख के आसपास का लेन-देन था लेकिन पंटर पहले से कंगाल हो चुका था जिसके कारण वह पैसों के कर्ज नीचे दब गया था।
पंटर अपनी जितनी भी प्रॉपर्टी थी, वह भी बेच चुका है और वह पैसे भी इन बुक्कियों को दे चुका है। सूत्रों की मानें तो पुलिस भी दबी आवाज में इस मामले की जांच कर रही है। पहले भी कई बार चश्मे वाला बुकी नेता का नाम लेकर कई लोगों को धमका चुका है। पहले तो वह लोगों को हार जाने के बाद भी पैसे देरी से लौटाने का झांसा देता है और जब वह ज्यादा रकम हार जाता है तो उसे धमकियां देकर पैसों की उगाही करता है।
इस काम के लिए वह नेता का नाम तो इस्तेमाल करता ही है, इसके साथ उसके बदमाशों और क्रिमिनल लोगों के साथ भी नजदीकी लिंक हैं। चर्चा यह भी है कि चश्मे वाले बुकी ने ही एक गैंगस्टर को विदेश भेजने के लिए आर्थिक मदद की थी जिसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं। जिस एजैंट के जरिए उसने फाइल लगाई थी वह इसी बुकी के पास सट्टा लगाता है।
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