Edited By Urmila,Updated: 19 Jan, 2024 03:08 PM
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की रहनुमाई तथा शिक्षा एवं भाषाओं बारे कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस की अगुवाई में राज्य में पंजाबी भाषा की प्रफुल्लिता तथा इसके मान-सम्मान में इजाफे के लिए भाषा विभाग पूरी तरह से प्रयत्नशील है।
बरनाला : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की रहनुमाई तथा शिक्षा एवं भाषाओं बारे कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस की अगुवाई में राज्य में पंजाबी भाषा की प्रफुल्लिता तथा इसके मान-सम्मान में इजाफे के लिए भाषा विभाग पूरी तरह से प्रयत्नशील है। विभाग के डायरेक्टर हरप्रीत कौर द्वारा समूह जिला भाषा अफसरों को पत्र जारी करते पंजाबी भाषा (गुरमुखी लिप्पी) में नाम बोर्ड लिखने की सरकार की हिदायतों तथा इन हिदायतें की पालना न करने पर की जुर्माने की व्यवस्था से अवगत करवाने के लिए कहा गया है।
डिप्टी कमिश्नर बरनाला पूनमदीप कौर के दिशा-निर्देशानुसार पंजाब सरकार द्वारा समूह सरकारी, अर्द्धसरकारी, निजी दफ्तरों/अदारों, निजी दुकानों तथा सड़कों के नाम/दिशा सूचक बोर्ड पंजाबी भाषा (गुरमुखी लिप्पी) लिखे जाने की जारी हिदायतों को जिले में लागू करवाया जा रहा है। इस संबंधी ज्यादा जानकारी देते हुए जिला भाषा अफसर बिन्द्र सिंह खुड्डी कलां ने बताया कि पंजाबी भाषा में नाम बोर्ड लिखे जाने की सरकारी हिदायतों बारे समूह अदारा मालिकों तथा दुकानदारों को जानकारी देने के लिए समय-समय पर प्रेरणा तथा जागरूकता मुहिमें चलाई जा रही हैं। इसके साथ-साथ मीडिया द्वारा जानकारी देने के भी लगातार प्रयास किए गए हैं तथा यह प्रयास लगातार जारी है।
भाषा अधिकारी ने कहा कि नाम बोर्ड पंजाबी भाषा में लिखने की हिदायतों को प्रभावी रूप से लागू करवाने के लिए सरकार द्वरा किरत विभाग के एक्ट पंजाब राज्य दुकानों तथा व्यापारिक स्थापना (पहली तरमीम) नियम 2023 द्वारा नाम बोर्ड पंजाबी भाषा में न लिखने वाले अदारों को जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था अनुसार पहली बार उल्लंघना करने पर एक हजार रुपए तथा दूसरी बार उल्लंघना करने पर 2 हजार रुपए जुर्माना किया जाएगा। भाषा अधिकारी ने कहा कि जिले के समूह विभागों को पत्र लिखकर नाम बोर्ड पंजाबी भाषा में लिखने तथा उल्लंघना करने वालों के लिए की जुर्माने की व्यवस्था से अवगत करवाया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि समूह विभागों के साथ-साथ समूह नगर कौंसिलों के कार्यसाधक अफसरों, मार्कीट कमेटियों के सचिवों तथा दुकानदारों के साथ सीधा राबता रखने वाले अन्य अधिकारियों को सरकार की इन हिदायतों को प्रभावी रूप से अमल में लाने के लिए लिखा गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी अदारा मालिक या दुकानदार अपने अदारे/दुकान का नाम बोर्ड पंजाबी भाषा के अलावा किसी अैर भाषा में लिखना चाहता है, तो पंजाबी भाषा से नीचे लिख सकता है। उन्होंने समूह जिलावासियों को पंजाबी भाषा के मान-सम्मान में बढ़ोतरी के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयत्नों में अपना-अपना योगदान डालने की भी अपील की है।
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