Edited By Sunita sarangal,Updated: 14 Sep, 2022 11:03 AM

सूत्रों के मुताबिक डिप्टी सी.ई.ओ. सुधीर कुमार का वेतन में एच.आर. जरूर कटता था परंतु हर माह बिजली का बिल कौन जमा करवाता था, इसका अभी तक सस्पैंस बना हुआ है।
जालंधर: डिप्टी सी.ई.ओ. सुधीर कुमार का मेरठ से जालंधर कैंटोनमेंट में तबादला हुआ था और उन्होंने जालंधर छावनी मूलराज रोड डाक बंगला कैम्पस में रहने के लिए 6 अक्तूबर 2020 को कैंट बोर्ड को पत्र लिखा था और इस प्रस्ताव को कैंट बोर्ड की बैठक में पास कर दिया गया था। उन्हें रहने के लिए दो कमरे दे दिए थे और वह करीब 20 महीने तक डाक बंगले में रहे और वहां हर तरह की सुविधा उपलब्ध थी।
सूत्रों के मुताबिक डिप्टी सी.ई.ओ. सुधीर कुमार का वेतन में एच.आर. जरूर कटता था परंतु हर माह बिजली का बिल कौन जमा करवाता था, इसका अभी तक सस्पैंस बना हुआ है। अब हैरान करने वाली बात यह है कि हाल ही में बिजली विभाग ने डाक बंगला जिसमें डिप्टी सी.ई.ओ. रहते थे, उसका 1 लाख 49 हजार रुपए का बिल भेजा है और उस बिल को 1 माह के अंदर जमा करवाने के लिए समय दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि मीटर से बिजली की रीडिंग कम लिखवाई जाती थी या कोई और गड़बड़ी है। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। अब माना जा रहा है कि टैक्स ब्रांच के अधिकारी तथा पूर्व सी.ई.ओ. ज्योति कुमार डिप्टी सी.ई.ओ. पर पूरे मेहरबान थे।
इस दौरान पब्लिक फंड का कहीं दुरुपयोग तो नहीं हुआ इस पूरे मामले की सच्चाई को जानने के लिए जब सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी गई तो सी.पी.आई.ओ. ने जवाब बना कर दिया कि किसी भी सरकारी अधिकारी की जानकारी नहीं दी जा सकती और आर.टी.आई. कार्यकर्त्ता को थर्ड पार्टी कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया गया।
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