Edited By Kamini,Updated: 24 Nov, 2022 05:08 PM

राज्य सरकार द्वारा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बड़े-बड़े दावों के बावजूद तरनतारन जिले में आसानी से नशीला पदार्थ मिल रहा है।
तरनतारन: राज्य सरकार द्वारा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बड़े-बड़े दावों के बावजूद तरनतारन जिले में आसानी से नशीला पदार्थ मिल रहा है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे आउट पेशेंट ओपिओड असिस्टेड ट्रीटमेंट (ओ.ओ.ए.टी) क्लीनिक में 22,000 से अधिक नशेड़ी रजिस्टर्ड हैं और 6 निजी नशा छुड़ाओ केंद्र 4,000 उपचाराधीन हैं। जिले में नशा करने वालों की वास्तविक संख्या बहुत अधिक होगी क्योंकि सभी रोगी चिकित्सक सहायता नहीं लेते हैं।
विभिन्न गांव निवासियों ने बताया कि नशा तस्कर चिट्टे की होम डिलीवरी भी कर रहे हैं। पलासौर गांव के एक निवासी ने कहा कि गांव का एक खास परिवार इलाके में नशा बांटने का नेटवर्क चला रहा है और इसके बारे में सभी जानते हैं। उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
एक अन्य व्यक्ति ने दावा किया कि चबल, पंजवाड़ और अन्य क्षेत्रों में आसानी से नशा मिल जाता है। उन्होंने कहा कि गोइंदवाल साहिब का घाटी बाजार नशे का अड्डा बन गया है। वहीं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि पिछले 40 दिनों में जिले में 100 से अधिक नशा तस्करों के खिलाफ एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है, लेकिन फिर भी यह अवैध कारोबार चल रहे हैं।
हेरोइन और स्मैक के अलावा बड़ी संख्या में नशेड़ी नशा करने के आदी हैं। कुछ केमिस्ट एक किट को 250 से 300 रुपए में बेच रहे हैं, जिसमें दवाओं का कॉकटेल, एक सिरिंज और एक सुई शामिल है। क्षेत्र के एक अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी ने कहा कि स्टेडियम सहित खाली सरकारी भवन नशा करने वालों के लिए सुरक्षित ठिकाने बन गए हैं।
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