Edited By Kamini,Updated: 13 Apr, 2022 05:35 PM

पंजाब में कोयले की किल्लत से बिजली संकट मंडरा रहा है। राज्य भर में लगातार कई लंबे बिजली कट लगने भी शुरू हो गए .........
चंडीगढ़ : पंजाब में कोयले की किल्लत से बिजली संकट मंडरा रहा है। राज्य भर में लगातार कई लंबे बिजली कट लगने भी शुरू हो गए हैं। राज्य भर के ग्रामीण इलाकों में 5 से 6 घंटे और शहरों में 1 से 2 घंटे बिजली कटौती की जा रही है।आने वाले दिनों में यह कटौती गंभीर होगी। 4 थर्मल प्लांटों के 15 यूनिटों में से 4 इकाइयां पहले ही बंद हो चुकी हैं। इससे राज्य में 1,410 मेगावाट की कमी हो गई है। कांग्रेस और अकाली दल बिजली की कमी से निपटने में विफल रहने के लिए 'आप' सरकार पर हमला कर रहे हैं।
पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) पहले से ही राज्य भर के गांवों में 5 से 6 घंटे और शहरों में 1 से 2 घंटे बिजली काट रहा है। गौरतलब है कि मई से राज्य में बिजली की स्थिति गंभीर हो जाएगी और जून और जुलाई में राज्य में बिजली की भारी किल्लत हो सकती है। निजी थर्मल प्लांटो में इकाइयों के बंद होने और बिजली की बढ़ती मांग से स्थिति और विकट हो गई है।
पटियाला, लुधियाना, जालंधर, संगरूर और अमृतसर में बुधवार को बिजली कटौती हुई थी, लेकिन पी.एस.पी.सी.एल. ने आधिकारिक तौर पर दावा किया कि शहरी इलाकों में बिजली कटौती नहीं हुई है। बता दें कोयले की कमी के कारण जीवीके थर्मल प्लांट की 2 इकाइयां बंद हैं। मानसा में तलवंडी साबो पावर लिमिटेड की एक इकाई तकनीकी खराबी के कारण बंद है और रोपड़ स्थित गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट की दूसरी इकाई वार्षिक रखरखाव के लिए बंद है।
पी.एस.पी.सी.एल. के अधिकारियों ने कहा कि मांग में भारी उछाल के बावजूद कोई कमी नहीं है। सभी 5 थर्मल प्लांटों की दैनिक कोयले की आवश्यकता लगभग 75 मीट्रिक टन है। कम क्षमता पर चलने के बावजूद थर्मल प्लांटों को उनकी दैनिक कोयले की आवश्यकता का आधा भी नहीं मिल रहा है, जिससे वे कम बिजली पैदा कर रहे हैं।
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