Edited By Kalash,Updated: 14 May, 2022 10:24 AM
नशे पर काबू पाने के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सख्ती के कारण जहां एक तरफ अधिकारी सहम गए हैं, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की नजरें नशा स्मगलरों के साथ
जालंधर (धवन): नशे पर काबू पाने के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सख्ती के कारण जहां एक तरफ अधिकारी सहम गए हैं, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की नजरें नशा स्मगलरों के साथ ही राजनीतिज्ञों की मिलीभगत की तरफ भी लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एस.एस.पी के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें डी.जी.पी. और अन्य उच्च पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कह दिया है कि वह नशे की बिक्री हर हालत में रोकना चाहते हैं और इसके रास्ते में जो भी आएगा, उसे किसी भी कीमत पर सरकार सहन नहीं करेगी।
भगवंत मान ने अब हर महीने डी.जी.पी. और अन्य उच्च पुलिस अधिकारियों की तरफ से नशे वाले पदार्थों की स्पलाई चेन तोड़ने और नशा स्मगलरों की जायदादों को जब्त करने के मामले में बैठक करने का फैसला लिया है। इसलिए अब पुलिस पर भी दबाव बना रहेगा कि वह अपनी कारगुजारी का प्रदर्शन सरकार के सामने करे।
सत्ताधारी राजनीतिज्ञों पर भी बना रहेगा दबाव
मुख्यमंत्री ने जिस तरह नशा स्मगलरों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए पुलिस को खुली छूट दी है तो दूसरी तरफ अब सत्ताधारी राजनीतिज्ञों पर भी पूरा दबाव बना रहेगा। वह यह भी देख रहे हैं कि नशों की बिक्री करवाने में कौन-कौन से राजनीतिज्ञों का हाथ सामने आता है। सत्ताधारी राजनीतिज्ञों को भी मुख्यमंत्री ने एक तरह संकेत के दिए हैं कि वह किसी भी नशा स्मगलर की मदद के लिए आगे न आएं।
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