Edited By Subhash Kapoor,Updated: 22 Nov, 2024 05:57 PM
पंजाब के बठिंडा से बड़ी खबर सामने आ रही है। बठिंडा में किसानों व पुलिस के बीच झड़प होने की सूचना है। बताया जा रहा है कि बठिंडा में किसानों का बड़ा प्रदर्शन चल रहा था, जहां किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा अश्रु गैस के गोले दागे गए।
बठिंडा (विजय): पंजाब के बठिंडा से बड़ी खबर सामने आ रही है। बठिंडा में किसानों व पुलिस के बीच झड़प होने की सूचना है। बताया जा रहा है कि बठिंडा में किसानों का बड़ा प्रदर्शन चल रहा था, जहां किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा अश्रु गैस के गोले दागे गए, जिसमें कई किसान भी घायल हुए हैं। जानकारी अनुसार भारतमाला परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर पुलिस व किसानों में भिड़ंत हुई है, जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। पुलिस द्वारा किसानों को रोकने के लिए लाठीचार्ज व अश्रुगैस के गोले दागे गए। मामला संगत मंडी ब्लॉक के गांव दूने वाले का है।
बताया जा रहा है कि अमृतसर जामनगर नैशनल हाईवे एवं भारतमाला सडक के लिए एकवायर की गई जमीन का कब्जा गांव दुन्नेवाला एवं शेरगढ में बीते दिन जिला प्रशासन ने पुलिस बल के जरीए लिया था। जिस के विरोध में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के बडे नेता जोगिंदर सिंह उगराहा अपने सैक्डे किसानों साथियों समेत प्रशासन द्वारा गांव दुन्नेवाला में कब्जे अधीन ली गई जमीन तक पहुंचने का प्रयास किया तो पुलिस ने किसानों को समझाने का प्रयास किया। इसी दौरान किसानों एवं पंजाब पुलिस के जवान आमने सामने हो गए तो पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करते हुए उन पर आंसू गैस के गोले छोड दिए। जिसके बाद भडके किसानों ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया। उक्त पूरे घटना कर्म में कई किसान एवं पुलिस कर्मी जख्मी हो गए।
किसानों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जा चुका था। लेकिन किसानों द्वारा अपनी जमीन का कब्जा प्रशासन को नहीं दिया जा रहा था। जिस के चलते वीरवार को अलसुबह भारी पुलिस फोर्स ने गांव दुन्नेवाला एवं शेरगढ में पहुंचकर उक्त एकवायर की गई जमीन का कब्जा प्रशासन को दिला दिया था। जिस के बाद किसानों वीरवार देर रात को एलान कर दिया था कि वो भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के बैनर तले शुक्रवार को राज्य स्तर पर उसी कब्जे वाली जमीन अंदर किसान धरना प्रदर्शन करेगें।
शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता जोगिंदर सिंह उगराहा अपने सैंकड़ों किसान साथियों के साथ ट्रेक्टर एवं गाड़ियों का काफिला लेकर जब माइसरखाना से होते हुए गांव कोटशमीर पहुंचे तो वहां पर मौजूद भारी पुलिस बल ने पहले उन्हें रोक लिया था। लेकिन जब किसानों एवं पुलिस प्रशासन के बीच कोई सहमति ना बनी तो किसानों ने गांव दुन्नेवाला एवं शेरगढ की तरफ अपना काफिला रवाना कर लिया। इसी दौरान जब यूनियन के नेता जोगिंदर सिंह उगराहा ने ऐलान किया कि जिस जमीन का पुलिस बल जरिए कब्जा लिया गया, उसी जमीन पर पहुंचकर प्रशासन से बातचीत की जाएगी। जब किसानों का काफिला गांव दुन्नेवाला के समीप पहुंचा तो पुलिस प्रशासन एवं किसानों के बीच तनाव पैदा हो गया। इसी दौरान वहां पर मौजूद भारी पुलिस बल ने किसानों को खदेडने के लिए पहले लाठीचार्ज किया, जब किसानों ने जवाब में ईंट पत्थर चलाए तो पुलिस बल ने किसानों पर पानी की बौछार करते हुए अश्रु गैस गोले छोड दिए। जिसमें कई किसान जख्मी हुए। वहीं दूसरी तरफ कई पुलिस कर्मी भी किसानों की कारवाई दौरान जख्मी हुए है।
खबर लिखे जाने तक गांव दुन्नेवाला को पूरी तरह से पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया था और मौके पर डीआईजी हरचरन सिंह भुल्लर समेत एसएसपी अमनीत कौंडल समेत भारी पुलिस फोर्स तैनात थी। गांव दुन्नेवाला में माहौल पूरी तरह से तनावपूर्ण बना हुआ था। एसएसपी कौंडल के अनुसार उक्त पूरे घटनाक्रम के दौरान चार से पांच पुलिस कर्मी जख्मी हुए है, जिनको उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया।