Edited By Mohit,Updated: 12 Jan, 2021 10:40 PM
आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने कहा है कि पार्टी किसानों...........
चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने कहा है कि पार्टी किसानों की मांग का पूरा समर्थन करती है और नए कृषि कानूनों को रद्द करवाना चाहती है। उन्होंने आज उच्चतम न्यायालय की ओर से कृषि कानून पर तत्काल रोक लगाने और समाधान के लिए समिति गठित करने के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि हम तथा हमारी पार्टी किसानों के स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं चाहते हैं। महीनों से जारी गतिरोध को दूर करने का एकमात्र उपाय है कृषि कानूनों को रद्द करना। समिति बनाना इसका कोई स्थाई समाधान नहीं है।
समिति की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए मान ने कहा कि समिति में जो लोग शामिल किए गए हैं उनमें से ज्यादातर केन्द्र सरकार के नुमाइंदे हैं। हमें शक है कि ये समिति किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझकर उसका कोई स्थायी समाधान कर पाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की यह लड़ाई कोई समिति बनाने के लिए नहीं है। किसी किसान संगठन ने कभी भी समाधान के लिए कोई समिति बनाने की मांग नहीं की है। उन्होंने कहा कि भीषण ठंड में लाखों किसान दिल्ली बॉडर्र पर पिछले डेढ़ महीने से कमेटी बनाने के लिए संघर्ष नहीं कर रहे हैं। उनकी सरकार से सिर्फ एक ही मांग है कि किसानों के भविष्य को खतरे में डालने वाले इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।
उनके अनुसार इन कानूनों को मोदी सरकार अपने साथी कॉर्पोरेट घराने को फायदे पहुंचाने के लिए लाई है। जिस कृषि कानून को किसान ही नकार रहे हैं और उसे अपने भविष्य के लिए खतरा मान रहे हैं उसे मोदी सरकार द्वारा जबर्दस्दी किसानों पर थोपने की कोशिश करना यह साबित करता है कि मोदी सरकार की नीयत में खोंट है और वह अपनी जेब भरने के लिए जानबूझ कर किसानों के भविष्य को संकट में डाल रही है। मान ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि किसानों के संकट की इस घड़ी में अमरिंदर सरकार किसानों के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठायेगी, लेकिन कैप्टन ने किसानों के दुख-दर्द समझने के बजाए अपने बेटे को ईडी से बचाने के लिए मोदी-शाह के साथ हाथ मिला लिया।