Edited By Vaneet,Updated: 11 Oct, 2019 07:35 PM
पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अकाल तख्त....
चंडीगढ़: पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अकाल तख्त साहिब को इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार की ओर से मनाए जा रहे प्रकाश पर्व समागम में रोड़ा अटकाने की कोशिश में है।
उन्होंने आज यहां एक बयान में कहा कि शिअद के प्रधान सुखबीर सिंह बादल तथा एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जागीर कौर गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर साझे समागम करवाने में अड़चन डाल रहे हैं। अकाली नेता संकुचित राजनीतिक हितों के कारण पहले दिन से ही साझा समागम नहीं होने देना चाहते थे। चन्नी ने शंका जताई कि बादल अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पर ऐसे आदेश जारी करने के लिए दबाव बना रहे हैं जिससे गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व को मनाने के लिए पंजाब सरकार के समागमों पर रोक लगाई जा सके।
प्रदेश सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि गुरूद्वारा साहिब के अंदर करवाए जा रहे प्रोग्रामों में पंजाब सरकार कोई दखल नहीं देगी और उसकी निगरानी एसजीपीसी ही करेगी। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के बाहर के समागमों के सभी प्रबंध पंजाब सरकार करेगी और करोड़ों रुपए खर्च करके 800 एकड़ में टैंट सिटी, बड़ा पंडाल और बाकी सभी प्रबंध मुकम्मल कर लिए हैं जिसके बारे में अकाल तख्त के जत्थेदार के आदेश पर हुई बैठकों में एसजीपीसी प्रधान और अन्य सदस्यों को अवगत करवाया जा चुका है।
उनके अनुसार एसजीपीसी के अपने स्तर पर समागम मनाने के लिए अलग स्टेज लगाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करके गुरू की गोलक का दुरुपयोग कर शिअद राजनीतिक लाभ लेने की फिराक में है। यह सब शिअद के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के इशारों पर हो रहा है। इससे बादल परिवार के हाथों की कठपुतली बनी एसजीपीसी का असली चेहरा बेनकाब हो गया है। चन्नी ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार प्रकाश पर्व समागमों के लिए पाकिस्तान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल को रोकने के लिए रोड़ा अटकाया जा रहा है। सिखों में अपनी साख गंवा चुका बादल परिवार अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए एसजीपीसी को ढाल बना रहा है।