आम आदमी पार्टी में अंदरूनी कलह ने ठप्प किया पंजाब में बिजली आंदोलन

Edited By Vatika,Updated: 07 Sep, 2019 09:34 AM

aam aadmi party punjab

आम आदमी पार्टी पंजाब इकाई में लगातार बढ़ रही अंदरूनी कलह के कारण पंजाब में पार्टी की ओर से शुरू किया गया बिजली आंदोलन पूरी तरह से ठप्प हुआ पड़ा है।

जालंधर: आम आदमी पार्टी पंजाब इकाई में लगातार बढ़ रही अंदरूनी कलह के कारण पंजाब में पार्टी की ओर से शुरू किया गया बिजली आंदोलन पूरी तरह से ठप्प हुआ पड़ा है।  पार्टी के सूत्रों ने बताया कि कुछ महीने पहले आप नेता अमन अरोड़ा पार्टी धड़ेबंदी के कारण बिजली आंदोलन से पीछे हट चुके थे, वहीं अब एक बार फिर पार्टी में अमन अरोड़ा को लेकर गुटबंदी तेज हो गई है।

ताजा जानकारी के अनुसार विधायक अमन अरोड़ा द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में पार्टी के स्टैंड पर सवाल उठाने को लेकर पार्टी कई गुटों में बंटी दिखाई दे रही है। पार्टी के नेता जसवीर सिंह धीर ने तो अमन अरोड़ा पर सवाल उठाते हुए साफ कहा है कि यह अनुशासनहीनता है। पार्टी के सीनियर नेताओं बलजिंद्र कौर तथा कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि जसवीर सिंह वीर को कोई अधिकार नहीं बनता कि वह पार्टी के सीनियर नेता अमन अरोड़ा के बारे कोई टिप्पणी करें या उनके सवाल का कोई गंभीर नोटिस लें। हालांकि पार्टी प्रधान भगवंत मान ने भी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि अमन अरोड़ा का कद पार्टी में बड़ा है, वहीं जसवीर सिंह वीर तो लंबे समय से पार्टी की सरगर्म गतिविधियों से दूर हैं। यह सब विरोधी पार्टियों द्वारा आम आदमी पार्टी में दरारें डालने की साजिश है। 

वहीं, दूसरी ओर जसवीर सिंह वीर गुट के नेताओं का कहना है कि पार्टी पहले ही आपसी गुटबाजी के कारण टूट रही है। आई.ए.एस. रैंक के रिटायर्ड अधिकारी जसवीर सिंह वीर द्वारा अमन अरोड़ा के बयानों पर उठाए गए सवाल बिल्कुल जायज हैं। पार्टी को इस मामले में सख्त एक्शन लेना चाहिए। वहीं पार्टी के वालंटियर लेवल के एक नेता का कहना है कि पार्टी में आपसी खींचातानी इस कदर बढ़ चुकी है कि एक नेता कुछ बोलता है तो 10 नेता उसका विरोध करने में लग जाते हैं।ऐसे में पार्टी हाईकमान को चाहिए कि वह कड़ा एक्शन लेते हुए एक-दूसरे की टांग ङ्क्षखचाई करने वाले नेताओं को अनुशासनहीनता के नोटिस जारी करे। केजरीवाल खुद ऐसे नेताओं को दिल्ली बुलाकर उनसे जवाब मांगें। इस सबके बीच पार्टी का बिजली आंदोलन कहीं गायब हो चुका है। कई महीने का समय बीतने के बाद भी पार्टी बिजली के मामले में पंजाब सरकार पर कोई दबाव नहीं बना सकी। 

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