Edited By Sunita sarangal,Updated: 21 Oct, 2019 09:29 AM
ट्रस्ट से निर्विवादित जायदादों की सूची की तलब
जालंधर(चोपड़ा): पंजाब सरकार ने इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट से ऐसी सभी निर्विवादित प्रॉपर्टियों की सूची तलब की है जिनकी बिक्री को लेकर कोर्ट केस, बैंक में गिरवी रखने जैसी कोई अड़चनें नहीं हैं व जिनकी तुरंत नीलामी करवाकर राजस्व एकत्र किया जा सके। इससे जाहिर होता है कि सरकार ट्रस्ट को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता देने के मूड में नहीं है। पंजाब सरकार ने कहा है कि ट्रस्ट अपने स्रोतों से ही वित्तीय हालात को सुधारे। वहीं सुप्रीम कोर्ट में चंद दिनों में 10 करोड़ रुपए की एन्हांसमैंट देने का मामला, पंजाब नैशनल बैंक के कर्ज की अदायगी, नैशनल कमीशन व जिला कंज्यूमर फोरम के आदेशों पर अलॉटियों की करोड़ों रुपयों की अदायगी के मामले इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के गले की फांस बनते जा रहे हैं।
ट्रस्ट को किसी भी स्कीम से करोड़ों रुपए एकत्र होने के भविष्य में कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण ट्रस्ट द्वारा पंजाब सरकार से वित्तीय मदद की एक बार फिर से लगाई जाने वाली गुहार की पहले ही हवा निकल गई है। ट्रस्ट चाहता था कि सरकार वित्तीय सहायता दे, ताकि ट्रस्ट अपनी देनदारियों को चुका सके, परंतु लगता है कि पंजाब सरकार ने पहले की भांति एक बार फिर से ट्रस्ट को सहायता प्रदान करने को लेकर लगभग हाथ खड़े कर दिए हैं। सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट ने सरकार को 170 एकड़ सूर्या एंक्लेव स्कीम, 70.5 एकड़ महाराजा रणजीत सिंह एवेन्यू, 26.8 शहीद भगत सिंह कालोनी से संबंधित प्लॉटों, ओल्डएज होम, शॉप साइट, कियोसक साइट्स, शॉप-कम-आफिस साइट, इंस्टीच्यूशनल साइट सहित विभिन्न प्रॉपर्टियों की लिस्ट भेज दी है। अगर इन सब प्रॉपर्टियों की नीलामी होती है तो ट्रस्ट के रिजर्व प्राइज में 28 करोड़ रुपए की आमदनी होगी।
अमृतसर, लुधियाना ट्रस्टों से वित्तीय सहायता दिलाने की जालंधर ट्रस्ट ने लगाई गुहार
इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने पंजाब सरकार से 200 करोड़ रुपए की मदद लेने के प्रयास शुरू कर दिए हैं, ताकि पी.एन.बी. द्वारा ट्रस्ट के खाते को एन.पी.ए. करने से बचाया जा सके। वहीं आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट, नैशनल कमीशन और स्टेट कमीशन के फैसलों के अनुरूप किसानों व अलॉटियों को अदायगी की जा सके। सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट सरकार से गुहार लगा रहा है कि ऐसे हालातों से निकलने के लिए जालंधर ट्रस्ट को लुधियाना व अमृतसर ट्रस्टों से वित्तीय सहायता दिलाई जाए, क्योंकि दोनों ही ट्रस्ट (खास तौर पर अमृतसर) के आर्थिक हालात बाकी ट्रस्टों के मुकाबले काफी सुखद हैं, परंतु इस प्रोपोजल पर भी अंतिम फैसला सरकार ने ही करना है, जिसके चलते फिलहाल इस बात पर भी कोई सहमति बनना आसान काम नहीं है।
आहलूवालिया भी नहीं सुधार सके हालात, न लाई कोई नई स्कीम और न ही ट्रस्ट जायदादों की करवाई नीलामी
दलजीत सिंह आहलूवालिया के इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट का चेयरमैन बनने के उपरांत शहरवासियों को एक उम्मीद जगी थी कि वह ट्रस्ट की कोई नई रैजीडैंशियल या कमर्शियल स्कीम निकालेंगे, परंतु 3 महीनों के कार्यकाल के बाद ट्रस्ट इस मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका। आहलूवालिया के चेयरमैन बनने से पहले ट्रस्ट की ई.ओ. सुरिन्द्र कुमारी ने पी.एन.बी. बैंक की सहमति से गिरवी रखी कुछ जमीनों की खुली नीलामी रखी थी। चेयरमैन के चार्ज संभालने के 6 दिनों के उपरांत हुई नीलामी सफल हुई थी, जिसमें ट्रस्ट ने 27 साइट्स को बेच कर 8.75 करोड़ रुपए कमाए थे, परंतु इसके बाद 3 महीनों में ट्रस्ट एक भी प्रॉपर्टी को बेचने के लिए नीलामी नहीं करवा सका है, जिसके कारण ट्रस्ट की हालत आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया के समान हो गई है। उलटा ट्रस्ट पर देनदारियों का वजन निरंतर बढ़ता ही जा रहा है।
वहीं बीबी भानी कॉम्पलैक्स व इंद्रापुरम जैसी फ्लॉप स्कीमों के कारण ट्रस्ट के खिलाफ जिला उपभोक्ता अदालतों में चल रहे केसों में खासा इजाफा हुआ है। अब सूर्या एंक्लेव एक्सटैंशन, बीबी भानी कॉम्पलैक्स और सोसायटियों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ट्रस्ट के खिलाफ एक साथ 100 नए केस फाइल करने की तैयारियों में जुटी हुई है।