Edited By Updated: 10 Feb, 2016 10:24 AM
पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन में दरार की चल रही अफवाहों को विराम लगाते हुए दोनों दलों ने फैसला किया
नई दिल्ली : पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन में दरार की चल रही अफवाहों को विराम लगाते हुए दोनों दलों ने फैसला किया है कि अब वे मिलकर पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर मंगलवार देर रात हुई बैठक में अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपनी बात रखी।
बैठक में फैसला किया गया कि पंजाब में 25 सालों से चल रहा गठबंधन आगे भी जारी रहेगा। पिछली बार जितनी सीटों पर दोनों पाॢटयों ने चुनाव लड़ा था, इस बार भी दोनों पार्टियां उतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। सीटों का फेर-बदल संभव है। भाजपा अगर कोई सीट बदलना चाहती है, तो अकाली दल उसे सशर्त बदल देगा। विधानसभा चुनाव को लेकर अकाली दल पंजाब में भाजपा के साथ मिलकर एक कोर कमेटी बनाएगा, जो विधानसभा चुनाव की मॉनीटरिंग करेगी।
सूत्रों की मानें तो अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अमित शाह से शिकायत भी दर्ज कराई कि पंजाब के भाजपा नेता प्रदेश में गलत बयान देते हैं। उनके मुताबिक भाजपा नेताओं की बयानबाजी से पार्टी बहुत आहत हुई है और पार्टी को नुक्सान भी उठाना पड़ रहा है। सुखबीर ने कहा कि प्रदेश के नेताओं की बयानबाजी पर अंकुश लगना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक सुखबीर ने शाह को बताया कि पंजाब भाजपा के नेता बार-बार गठबंधन तोडऩे की बात करते हैं। इस पर शाह ने उन्हें भरोसा दिया है कि आगे ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
बैठक के बाद सुखबीर ने कहा कि अकाली दल की ओर से गठबंधन में कोई कमी नहीं है, और न ही आगे होगी। हां, इतना जरूर है कि 25 साल पुराने गठबंधन में कहीं न कहीं तालमेल की कमी जरूर है। उन्होंने माना कि गठबंधन जारी रहेगा और हम मिलकर पंजाब का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और फिर से सरकार बनाएंगे।
उधर, अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने देर रात बातचीत में कहा कि हमारा ऐतिहासिक गठबंधन है। बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं। अकाली दल अपनी ओर से गठबंधन तोडऩे की बात नहीं करेगा।