Edited By Sunita sarangal,Updated: 09 May, 2021 06:20 PM
विजीलेंस ब्यूरो ने यहां के एस.ए.एस. नगर के गांवों की बेशकीमती जमीनों पर लैंड माफिया और राजस्व अधिकारियों द्वारा किए बड़े घपले का.......
चंडीगढ़: विजीलेंस ब्यूरो ने यहां के एस.ए.एस. नगर के गांवों की बेशकीमती जमीनों पर लैंड माफिया और राजस्व अधिकारियों द्वारा किए बड़े घपले का पर्दाफाश किया है। इस संबंधी 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर 7 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपियों इकबाल सिंह पटवारी सहित रवीन्द्र सिंह, परमजीत सिंह और हंसराज को गिरफ्तार करके तीन दिनों का पुलिस रिमांड ले लिया गया है जबकि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
जानकारी देते हुए विजीलेंस ब्यूरो मुख्य डायरैक्टर-कम-डी.जी.पी. श्री बी.के. उप्पल ने बताया कि प्रापर्टी डीलरों और लैंड माफिया से जुड़े कुछ व्यक्तियों ने गांव माजरियां, सब तहसील माजरी, जिला एस.ए.एस नगर की जमीन को लेकर राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करके मल्कीयत तबदील दी। इसके साथ ही गलत मुखत्यारनामों द्वारा आम लोग के नाम पर तबदील कर दी गई ताकि बड़ा लाभ कमाया जा सके। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी नवंबर 2020 में विजीलेंस ब्यूरो ने इसी इलाके में स्थित गांव करोरां की बेशकीमती जमीन को ऐसी मिलीभगत द्वारा मल्कीयत तबदील करके आगे बेचे जाने का पर्दाफाश किया था।
उन्होंने बताया कि आरोपियों वरिन्दरपाल सिंह धूत नायब तहसीलदार, रुपिन्दर सिंह मणकू ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार, दौलत राम और इकबाल सिंह (दोनों राजस्व पटवारी), श्याम लाल और हंस राज दोनों वासी गांव माजरियां (पत्ती गूड़ा) जिला एस.ए.एस. नगर, रब्बी सिंह वासी गांव करोरां, जिला एस.ए.एस. नगर, धर्म पाल निवासी अमलोह जिला फहेतगढ़ साहिब, सुच्चा राम वासी गांव कैम्बाला, यू.टी. चंडीगढ़, परमजीत सिंह वासी गांव हरदासपुरा, जिला पटियाला, रवीन्द्र सिंह गांव सौढा जिला फतेहगड़ साहिब के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
उन्होंने बताया कि जांच दौरान सामने आया कि गांव माजरियां हसबसत नंबर 343 के राजस्व रिकार्ड की जमाबंदी साल 1983-1984 में गांव माजरियां के कुल क्षेत्रफल में से तकरीबन 29,000 कनाल जमीन शामलात दिखाई गई थी। साल 1991 में यह जमीन आम लोगों के नाम पर कर दी गई। इस जमीन में छेड़छाड़ कर 14 व्यक्तियों के नाम फर्जी दर्ज किए गए उनके नामों पर तकरीबन 558 एकड़ जमीन लगाई गई है।
आगे से इस जमीन को साल 2010-11 में सभी आरोपियों ने अपने नाम पर करवा लिया और फिर उपरोक्त जमीन आम व्यक्तियों को बेच दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि इसके अलावा तारीख 18.06.2014 और तारीख 19.06.2014 को केवल 2 दिनों में ही तकरीबन 578 एकड़ जमीन के 10 तबादले फर्जी पाए गए। इसके सभी दस्तावेज जिनके आधार पर यह तबादले किए गए थे, राजस्व विभाग के रिकार्ड में से खुर्द-बुर्द कर दिए गए। इसके बाद इनकी फर्जी मल्कीयतें बनाकर आम व्यक्तियों को यह जमीनें अलग-अलग वसीकों द्वारा बेच दी गईं।
विजीलेंस ब्यूरो के प्रमुख ने बताया कि उपरोक्त के अलावा 43 व्यक्तियों का इस फर्जीवाड़े में शामिल होना पाया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे जांच जारी है और दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बक्शा जायेगा।
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