भुलत्थ में फिर आमने-सामने हुए ये नेता, फिर दोहराएंगे इतिहास

Edited By Urmila,Updated: 16 Jan, 2022 11:18 AM

these leaders who came face to face again in the mistake

4 फरवरी को पंजाब में होने वाली विधानसभा मतदान का मैदान पूरी तरह तैयार हो चुका है। तीनों ही मुख्य पार्टियां कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी की तरफ से भुलत्थ हलके से अपनी...

जालंधर/भुलत्थ: 14 फरवरी को पंजाब में होने वाली विधानसभा मतदान का मैदान पूरी तरह तैयार हो चुका है। तीनों ही मुख्य पार्टियां कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी की तरफ से भुलत्थ हलके से अपनी-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया है। हालांकि अभी तक भाजपा की तरफ से अपने पत्ते नहीं खोले गए हैं परन्तु कांग्रेस के ऐलान के बाद भुलत्थ हलके से पुराने राजनीतिक शरीक एक बार फिर आमने-सामने होते जरूर नजर आएंगे। अकाली दल की तरफ से पहले ही इस हलके से बीबी जगीर कौर का ऐलान किया जा चुका है जबकि कांग्रेस ने सुखपाल सिंह खहरा को इस हलके से उम्मीदवार ऐलान कर दिया गया है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी की तरफ से रणजीत राणा मैदान में हैं।

भुलत्थ हलके का इतिहास
विधानसभा हलकों की सूची हलका भुलत्थ 26 नंबर पर आता है। यदि इस हलके 1997 से लेकर अबकी विधानसभा मतदान के इतिहास पर नजर मारी जाए तो इस हलके से वोटर किसी एक पार्टी के हक में खुलकर नहीं नित्तरे हैं। वैसे बीबी जगीर कौर का पलड़ा ज्यादा भारी रहा है। 1997, 2002 में लगातार दो बार बीबी जगीर कौर सुखपाल खैहरा को हरा कर विधानसभा की ड्योढ़ी पार कर चुके हैं। इसके बाद 2007 में सुखपाल खैहरा बीबी जगीर कौर को हरा कर विधान सभा पहुंचे। 2012 में फिर बीबी जगीर कौर ने सुखपाल खहरा को हरा कर भुलत्थ हलके पर अपना दबदबा बनाए रखा। इसके अलावा 2017 की मतदान में सुखपाल खैहरा आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े और अकाली दल के युवराज भुपिन्दर सिंह को 8202 वोटों के फर्क के साथ हरा कर विधान सभा में पहुंचे।

3 बार खहरा को मात में अकाली दल का हिस्सा बनने वाली बीबी जगीर कौर चार बार भुलत्थ हलके से चुनाव लड़ चुकी है जबकि 3 बार चुनाव मैदान में सुखपाल खहरा को मात दे चुकी है। 1997 में पहली बार अकाली दल के चुनाव निशान पर मैदान में उत्तरी और पहली बार सुखपाल खैहरा को 28027 वोटों के बड़े फर्क के साथ मात दी। 2002 में अकाली दल की तरफ से फिर बीबी को चुनाव मैदान में उतारा गया और फिर बीबी सुखपाल खहरा से 11378 वोटों के फर्क के साथ विजेता रहे। इस बीच बीबी जगीर कौर पर बेटी के कत्ल के आरोप लगे। इसी आरोपों के नतीजा कि 2007 में बीबी जागीर को सुखपाल खहरा से 8864 वोटों के फर्क के साथ हार का सामना करना पड़ा। 2012 में अकाली दल ने फिर बीबी जगीर कौर पर दाव खेला। इस चुनावन में बीबी ने फिर इतिहास दोहराया और 7005 वोटों फर्क के साथ मात देकर जीत का झंडा लहराया है।

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