Edited By Mohit,Updated: 31 May, 2019 10:19 PM
पंजाब में 2015 में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की जांच कर रही एसआईटी ने एक आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी के दौरान उपमुख्यमंत्री रहे सुखबीर सिंह बादल, राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख और डेरा सच्चा सौदा...
चंडीगढ़ः पंजाब में 2015 में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की जांच कर रही एसआईटी ने एक आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी के दौरान उपमुख्यमंत्री रहे सुखबीर सिंह बादल, राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख और डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख की ‘‘पहले से तय योजना'' थी।
पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम द्वारा 28 मई को दाखिल आरोप पत्र में फरीदकोट जिले के कोटकपूरा में बेअदबी के मामलों के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों पर गोलीबारी के लिए एक पूर्व अकाली विधायक समेत छह अन्यों पर आरोप लगाए गए है। गोलीबारी की इसी तरह के एक मामले में बहबल कलां में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। सुखबीर सिंह बादल और उनके पिता प्रकाश सिंह बादल ने इससे पहले एसआईटी जांच को खारिज कर दिया था। अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एसआईटी जांच के आदेश दिए थे।
सुखबीर बादल ने दावा किया था कि पुलिस गोलीबारी के समय वह विदेश में थे। एसआईटी ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि ‘‘यह केवल अपना बचाव करने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है।'' एसआईटी ने कहा कि राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, तत्कालीन डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और फिरोजपुर रेंज के तत्कालीन डीआईजी अमर सिंह चहल की भूमिका की जांच की जा रही है।