Edited By Subhash Kapoor,Updated: 03 Nov, 2024 11:00 PM
जिला में धान की पराली जलाने की घटनाओं को पूरी तरह रोकने के लिए डिप्टी कमिश्नर-कम-जिला मैजिस्ट्रेट विशेष सारंगल ने बहुत ही सख्त रुख अख्तियार किया है, जिसके मद्देनजर इस दिशा में जीरो टोलरैंस की नीति पर काम करते जहां नोडल अफसरों, कलस्टर अफसरों व...
मोगा : जिला में धान की पराली जलाने की घटनाओं को पूरी तरह रोकने के लिए डिप्टी कमिश्नर-कम-जिला मैजिस्ट्रेट विशेष सारंगल ने बहुत ही सख्त रुख अख्तियार किया है, जिसके मद्देनजर इस दिशा में जीरो टोलरैंस की नीति पर काम करते जहां नोडल अफसरों, कलस्टर अफसरों व एस.एच.ओ. स्तर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। वहीं पी.सी.एस. स्तर व ब्लाक विकास व पंचायत अफसर स्तर के अधिकारियों को भी नहीं बख्शा गया। डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने बताया कि पंजाब रिर्मोट सैंसिंग सैंटरल लुधियाना द्वारा जिला मोगा में अब तक 105 केस दर्ज किए गए हैं जिनमें से 87 केस आग लगने के हैं तथा 18 केस आग लगने के नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि इस संबंधी 61 व्यक्तियों के लिाफ मामला दर्ज किया गया है तथा उनके माल रिकार्ड में रैड एंट्री दर्ज की गई है। इसके अलावा संबंधित किसानों को बनता जुर्माना 1 लाख 72 हजार 500 रुपए भी जारी किया गया है। इसके अलावा कुछ अधिकारियों जिनके एरिया में आग लगने की घटनाएं घटित होती है उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
इन अधिकारियों में एस.डी.एम. सारंगप्रीत सिंह औंजला, एस.डी.एम. बाघापुराना बेअंत सिंह सिद्धू, बी.डी.पी.ओ. निहाल सिंह वाला रुपिंदर कौर, जसवरिंदर सिंह एस.एच.ओ. बाघापुराना, जतिंदर सिंह एस.एच.ओ. धर्मकोट, कलस्टर अफसर सुखविंदर सिंह तहसील मोगा, कलस्टर अफसर मनमोहन सिंह तहसील मोगा, नोडल अफसर प्रभदीप सिंह भिंडर कलां, नोडल अफसर राकेश कुमार गांव उमरपुरा, नोडल अफसर राकेश कुमार गांव किशनपुरा कलां, नोडल अफसर संजीव कुमार गांव गिल, नोडल अफर प्रगटजीत सिंह किशनपुरा, नोडल अफसर बलविंदर सिंह निहाल सिंह वाला, नोडल अफसर दविंदर सिंह निहाल सिंह वाला, नोडल अफसर तहसील मोगा जगसीर सिंह शामिल हैं।
यहां तक कि एक अधिकारी नोडल अफसर प्रगटजीत सिंह किशनपुरा कलां तहसील धर्मकोट के खिलाफ कमीशन फार एय क्वालिटी मैनेजमेंट इन नैशनल कैपीटल एंड एडज्वाइनिंग एरियर्ज ए्ट की धारा 14 (1) के तहत कार्रवाई के लिए सी.जे.एम.मोगा की अदालत में मामला दायर कर दिया गया है। इस मामले मे आरोपी पाए जाने पर आरोपी को एक करोड़ रुपए जुर्माना व 5 वर्ष की कैद व दोनों हो सकती है।
उन्होंने कहा कि मोगा जिले में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की हिदायतें अनुसार धान की कटाई उपरांत पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा युद्द स्तर पर कार्य जारी हैं तथा टीमें उपरांत दिन रात गांवों में गश्त करती रहती है। इन टीमों के अलावा वह खुद व एस.एस.पी अजय गांधी द्वारा भी फील्ड में जाकर आग लगने की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है।