प्राइवेट बिल्डर टैंपरेरी कनैक्शन लेकर कर रहे बिजली सप्लाई

Edited By swetha,Updated: 03 Feb, 2020 02:07 PM

private builders are supplying electricity by taking temporary connections

पंजाब के कई हिस्सों में निजी बिल्डर निर्माण कार्य के लिए टैंपरेरी कनैक्शन लेकर पावरकॉम के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बिजली का दुरुपयोग कर कॉम्पलैक्स में शिफ्ट रिहायशियों को बिजली सप्लाई कर रहे हैं।

चंडीगढ़(एच.सी. शर्मा): पंजाब के कई हिस्सों में निजी बिल्डर निर्माण कार्य के लिए टैंपरेरी कनैक्शन लेकर पावरकॉम के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बिजली का दुरुपयोग कर कॉम्पलैक्स में शिफ्ट रिहायशियों को बिजली सप्लाई कर रहे हैं। इससे न सिर्फ पावरकॉम को चूना लग रहा है बल्कि रिहायशियों को भी अधिक दाम का भुगतान करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में रिहायशी पावरकॉम के उपभोक्ता नहीं बन पा रहे हैं उलटा उन्हें बिजली के दो मीटरों और सिक्योरिटी के रूप में अधिक राशि का भुगतान करना पड़ रहा है। यह खुलासा पंजाब स्टेट इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन के समक्ष एक साल से अधिक समय से मामले पर चल रही सुनवाई दौरान हुआ है।

जानकारी के अनुसार रैगुलेटरी कमीशन ने एक शिकायत पर सूओ मोटो नोटिस लेते हुए पावरकॉम को वर्ष 2018 में हिदायत दी थी कि प्राइवेट बिल्डर्ज को टैंपरेरी कनैक्शनों की जांच कर रिपोर्ट पेश करे कि कहीं दुरुपयोग तो नहीं हो रहा। इसके बाद न्यू चंडीगढ़ के नामी बिल्डर के प्रोजैक्ट में शिफ्ट हो चुके रिहायशियों की एसोसिएशन ने कमीशन के ध्यान में लाया कि उनसे दोहरे मीटर का चार्ज ही नहीं वसूल रहे, बल्कि दरें भी अधिक वसूली जा रही हैं, जो वापस दिलवाई जाएं। अब कमीशन एक साल से सुनवाई कर रहा है। मामले के निपटान में देरी का कारण कभी बिल्डर तो कभी पावरकॉम द्वारा जवाब दायर करने के लिए अधिक समय की मांग करना है। आगे दिए गए बयौरे के अनुसार कमीशन के समक्ष लगभग 2 वर्ष से लटका यह मामला अभी तक भी सिरे नहीं चढ़ा है।  
लगभग डेढ़ साल से चल रहा यह गोरखधंधाय    

2 मई, 2018 को कमीशन के अप्रैल, 2018 में जारी नोटिस के जवाब में पावरकॉम ने जानकारी दी कि बिल्डर ने जारी असैसमैंट आर्डर विरुद्ध एपिलिएट अथॉरिटी के पास अपील दायर की है। कमीशन ने पावरकॉम को निर्देश दिए कि बिल्डर को एन.ओ.सी., कनैक्शन जारी होने के बाद महीनावार मंजूर लोड, सरचार्ज, ए. एंड ए. के फार्म की प्रति और 1350 किलोवाट तक के लोड में बढ़ौतरी की टैस्ट रिपोर्ट, रिहायशियों द्वारा बिल्डर विरुद्ध शिकायत की जांच रिपोर्ट उपलब्ध करवाए। 

  •  पावरकॉम द्वारा प्रदान दस्तावेजों पर कमीशन ने 11 जुलाई, 2018 के दिन सुनवाई दौरान पाया कि टैंपरेरी कनैक्शन के लोड में 441 से 1350 किलोवाट की बढ़ौतरी की टैस्ट रिपोर्ट को अधिकृत अधिकारी ने वैरीफाई नहीं किया था। अधिकारियों ने कमीशन के समक्ष माना कि बिल्डर टैंपरेरी कनैक्शन का दुरुपयोग कर रहा है। साथ ही माना कि कई बिल्डर ऐसी अनियमितताओं को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन कमीशन ने मामले की गंभीरता को देख अगली सुनवाई दौरान पावरकॉम के डायरैक्टर डिस्ट्रीब्यूशन/डायरैक्टर कमॢशयल को उपस्थित होने के निर्देश दिए।
  •   17 जुलाई, 2018 को पावरकॉम ने सुनवाई टालने की मांग करते हुए दलील दी कि उक्त अधिकारी कहीं अन्य जरूरी बैठक के चलते व्यस्त हैं।
  •     19 जुलाई को सुनवाई दौरान कमीशन ने डायरैक्टर डिस्ट्रीब्यूशन को आदेश दिए कि टैंपरेरी कनैक्शन के लोड में बढ़ौतरी में बरती अनियमितता पर संबंधित अधिकारी विरुद्ध प्रस्तावित कार्रवाई की रिपोर्ट, अन्य भागों में बिल्डरों द्वारा ऐसी अनियमितताओं की जानकारी और अनियमितताओं को रोके जाने के लिए पावरकॉम द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी प्रदान करें।
  •   21 नवम्बर, 2018 को कमीशन ने पावरकॉम अधिकारियों को गलत जानकारी प्रदान करने पर लताड़ लगाते हुए पूछा कि सिर्फ 3 कालोनियों द्वारा अनियमितताएं बरतने की जानकारी क्यों दी जबकि एन्फोर्समैंट विंग ने 14 कालोनियों में टैंपरेरी कनैक्शन के दुरुपयोग की जानकारी दी। पावरकॉम अधिकारियों से यह भी पूछा गया कि न्यू चंडीगढ़ के उक्त बिल्डर द्वारा 2015 से टैंपरेरी कनैक्शन का दुरुपयोग किया जा रहा है जबकि यू.यू.ई. चाॢजस का आकलन सिर्फ एक साल का किया गया है।
  •   9 जनवरी, 2019 को बिल्डर ने जवाब दायर करने के लिए फिर से समय की मांग की लेकिन पावरकॉम ने जानकारी दी कि मांग पर 3 नियमित कनैक्शन जारी कर दिए गए हैं और अब घरेलू उपभोक्ता को टैंपरेरी कनैक्शन से बिजली की सप्लाई प्रदान नहीं की जा रही। पावरकॉम अधिकारियों ने कहा कि बिल्डर द्वारा रिहायशियों से दोहरे मीटर के वसूले शुल्क के रिफंड का मामला दोनों पक्ष आपस में सुलझाएं। 
  •   28 अगस्त को बिल्डर ने शॉर्ट जवाब दायर किया। पावरकॉम ने ग्राहकों द्वारा ए. एंड ए. फार्म भरे जाने की स्टेटस रिपोर्ट कमीशन को प्रदान नहीं की। कमीशन ने उक्त जानकारी एक माह में प्रदान करने के निर्देश दिए लेकिन बिल्डर द्वारा कमीशन के जनवरी, 2019 के आदेश, जिसमें उपभोक्ताओं से वसूली अधिक राशि और दोहरे मीटर के शुल्क के रिफंड के निर्देश दिए गए थे, पर बिल्डर ने कोई जवाब दायर नहीं किया।
  •    गत 25 सितम्बर को ‘द ओमैक्स रैजीडैंट्स वैल्फेयर सोसायटी’ को मामले में पार्टी बनाए जाने की मांग को कमीशन ने स्वीकार कर लिया। साथ पाया कि बिल्डर द्वारा रिहायशियों को जारी बिजली बिलों में अन्य शुल्क का कॉलम भी बनाया गया है जिसमें मैंटीनैंस चाॢजस आदि वसूले जा रहे हैं। कमीशन ने अनियमितता को भी दुरुस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि बिल में अन्य राशि का उल्लेख नहीं होना चाहिए।
  •      गत 16 दिसम्बर को बिल्डर ने कहा कि उपभोक्ताओं के रिफंड संबंधी एक प्रस्ताव कमीशन के समक्ष रखना चाहता है। कमीशन ने प्रस्ताव एक सप्ताह में कमीशन सहित पावरकॉम व ‘द ओमैक्स रैजीडैंट्स वैल्फेयर सोसायटी’ को प्रदान करने के निर्देश देते हुए पावरकॉम व सोसायटी को प्रस्ताव पर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए और मामले की सुनवाई 5 फरवरी, 2020 तक टाल दी।

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