Edited By swetha,Updated: 06 Apr, 2020 09:23 AM
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने पंजाब सरकार को पद्मश्री भाई निर्मल सिंह खालसा के साथ मौत के पहले और बाद में हुए भेदभाव की जांच के लिए सीनियर सिविल और पुलिस आधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) का गठन करने के आदेश दिए हैं।
चंडीगढ़ः राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने पंजाब सरकार को पद्मश्री भाई निर्मल सिंह खालसा के साथ मौत के पहले और बाद में हुए भेदभाव की जांच के लिए सीनियर सिविल और पुलिस आधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) का गठन करने के आदेश दिए हैं। शिरोमणी अकाली दल के पूर्व विधायक इंद्र इकबाल सिंह अटवाल ने कहा कि उनकी तरफ से इस संबंधित कमीशन के चेयरमैन प्रोफैसर राम शंकर कथेरिया को दी शिकायत के बाद राष्ट्रीय कमीशन ने राज्य के मुख्य सचिव और डी. जी. पी. को नोटिस जारी कर दिए हैं।
इंद्र इकबाल अटवाल ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय कमीशन को लिखी चिट्ठी में बताया था कि किस तरह अमृतसर के पहले सरकारी अस्पताल में उपचार के समय और मौत के बाद वेरका के शमशानघाट में अंतिम संस्कार से इंकार करके हज़ूरी रागी भाई निर्मल सिंह खालसा के साथ भेदभाव किया गया था। उन्होंने खालसा की अपने परिवार के साथ टैलिफोन पर हुई आखिरी बातचीत की ऑखिरी ऑडियों भी भेजी है। इसमें उन्होंने अपने परिवार को बताया था कि 4 घंटे से उनका इलाज नहीं हुआ। पूर्व अकाली विधायक ने कमीशन को यह भी बताया था कि भाई निर्मल सिंह धार्मिक भाईचारे के साथ सम्बन्ध रखते थे । उनकी दुखदायी मौत ने सिख पंथ और खासकर दलित और धार्मिक भाईचारे को झिंझोड़ कर रख दिया है। मौत के बाद भाई खालसा के किए गए निरादर को समूचा धार्मिक भाईचारा अपने अपमान के तौर पर देख रहा है।