Edited By Kalash,Updated: 21 May, 2022 10:12 AM
पंजाब के आर्थिक संकट की छाया पी.पी.एस.सी. (पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन) द्वारा करवाए जाने वाले नायब तहसीलदार की परीक्षा पर भी पड़ना
जालंधर (नरेंदर मोहन): पंजाब के आर्थिक संकट की छाया पी.पी.एस.सी. (पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन) द्वारा करवाए जाने वाले नायब तहसीलदार की परीक्षा पर भी पड़ना शुरू हो गई है। यह परीक्षा 22 मई रविवार को पंजाब के विभिन्न शहरों और चंडीगढ़ के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में करवाई जानी है। नायब तहसीलदार की परीक्षा देने आने वाले परीक्षार्थी को इस भीषण गर्मी में मात्र 200 मिलीलीटर की छोटी पानी की बोतल पीने को मिलेगी।
कोरोना के मद्देनजर किए गए उपायों में साधनों और सैनिटाइजर में भी कमी की गई है। कई केंद्रों को परीक्षा के लिए दी जाने वाली राशि अभी तक अदा नहीं की जा सकी है और उन्हें परीक्षा करवाने के बाद राशि देने की बात कही जा रही है। इसके चलते पंजाब सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
70,000 से अधिक परीक्षार्थी नायब तहसीलदार के 78 पदों के लिए 22 मई को परीक्षा देने जा रहे हैं। परीक्षा संपन्न कराने के लिए 6 हजार से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को तैनात किया जाना है। इसके लिए लगभग 3000 परीक्षा केंद्र पटियाला, संगरूर, श्री फतेहगढ़ साहिब, मोहाली और चंडीगढ़ में बनाए गए हैं। 5 घंटे से अधिक की ड्यूटी के लिए परीक्षा करवाने वाले प्रत्येक टीचर को 600 रुपए दिए जाएंगे। छुट्टी वाले दिन रविवार को हो रही इस परीक्षा से अनेक अध्यापकों ने मेहनताने की राशि कम बताकर किनारा कर लिया है।
पंजाब सरकार ने इस परीक्षा के लिए सामान्य परीक्षार्थी से 3000 रुपए, शारीरिक रूप से अपाहिज से 1750 रुपए और अनसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग से 1125 रुपए लिए हैं। एक अनुमान अनुसार इस परीक्षा के लिए पंजाब सरकार ने शुल्क के रूप में लगभग 15 करोड़ रुपए वसूल किए हैं।
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