Edited By Vatika,Updated: 17 Oct, 2020 09:29 AM
शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने श्री अकाल तख्त साहिब की फसील तले श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 पवित्र स्वरूपों की बेअदबी व किसान मोर्चे संबंधी की गई अरदास उपरांत खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
अमृतसर(अनजान): शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने श्री अकाल तख्त साहिब की फसील तले श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 पवित्र स्वरूपों की बेअदबी व किसान मोर्चे संबंधी की गई अरदास उपरांत खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
इस संबंध में जसकरन सिंह काहन सिंह वाला, गुरसेवक सिंह जवाहरके, हरपाल सिंह बलेर व हरबीर सिंह संधू ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर), दल खालसा और यूनाइटिड अकाली दल के प्रयास से 17 सितम्बर को श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास कर लौंगोवाल में 22 सितम्बर को प्रधान शिरोमणि कमेटी के घर आगे जो धरना लगाया गया था, उस संबंधी श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास की गई कि गुरु पातशाह आप ही किसी सिख के मुंह से सारी सच्चाई निकलवा दें कि पवित्र स्वरूप कहां हैं क्योंकि आज 22 दिन हो गए हैं लौंगोवाल में मोर्चा लगाए हुए परन्तु न तो प्रकाश सिंह बादल, न ही सुखबीर सिंह बादल, न ही बिक्रम सिंह मजीठिया, न ही लौंगोवाल और न ही किसी अन्य ने पवित्र स्वरूपों की सच्चाई बारे कुछ बताया है।
बताएंगे भी क्यों, क्योंकि शिरोमणि कमेटी प्रधान व जत्थेदार दोनों के नाम बादलों के लिफाफे में से निकलते हैं। उन्होंने कहा कि 24 अक्तूबर को लौंगोवाल में सभी पंथक जत्थेबंदियां इकट्ठ करके शिरोमणि कमेटी की कार्यकारिणी, दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ पर्चे कटवाने बारे फैसला लेंगी। दर्शनीय डियोढी के दरवाजे की कारसेवा के नाम पर कहीं बाहर नहीं जाएंगे। आज हमने इनकी विशेष तौर पर चैकिंग की है कि यह कहां हैं। उन्होंने कहा कि 10 नवम्बर को हुसैनीवाला बार्डर में इकट्ठ करके सरकार को पूछा जाएगा कि यदि अडानी, अडवानी की जिंस बार्डर से पार जा सकती हैं तो देश के अन्नदाता किसान की जिंस बाहर क्यों नहीं जा सकती।