पंचायती जमीन को लेकर पंजाब सरकार का अहम फैसला

Edited By Urmila,Updated: 17 Jun, 2022 05:45 PM

important decision of punjab government regarding panchayati land

संगरूर उपचुनाव में करीब एक सप्ताह का समय बचा है। इस दौरान पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अनुसूचित जाति समुदाय को कम से कम 50 प्रतिशत की कमी के साथ 3 वर्ष के लिए पंचायती ...

संगरूर (विजय कुमार सिंगला): संगरूर उपचुनाव में करीब एक सप्ताह का समय बचा है। इस दौरान पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अनुसूचित जाति समुदाय को कम से कम 50 प्रतिशत की कमी के साथ 3 वर्ष के लिए पंचायती जमीन को लीज पर लेने की अनुमति दी है। राज्य सरकार पहले अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को सांझे गांव की जमीन लीज पर देने से झिझक रही थी और कहा था कि ऐसी कोई शर्त नहीं है कि कोई भी पंचायती जमीन 3 वर्षों के लिए लीज पर ले सके। अनुसूचित जाति समुदाय इस मुद्दे पर तीन महीने से राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा था और नीलामी की कीमतों में 5 से 20 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पंचायती जमीन की नीलामी का बहिष्कार भी कर रहा था

4 व 5 जून को मुख्यमंत्री भगवंत मान व विभाग के अधिकारियों के साथ अनुसूचित जाति संगठनों की बैठक के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने उन्हें 12 जून से तीन वर्ष के लीज पर जमीन देनी शुरू कर दी है। पंचायत जमीनों का एक तिहाई हिस्से पर अनुसूचित जाति समुदाय के लोग खेती कर रहे हैं। सिर्फ संगरूर व इसके आसपास के इलाकों में यह पंचायती जमीन में एक तिहाई के अपने हिस्से पर अपनी मेहनत के साथ कमाए हक को वापिस लेने के लिए अनुसूचित जाति समुदाय द्वारा किए जा रहे आंदोलन के संबंध में अतीत में एक केंद्र रहा है। 

ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की स्वीकृति से दरों में कमी की जाती है। नियमों के अनुसार तीन बार नीलामी विफल होने पर मिनी नीलामी की कीमत कम हो जाती है। वरजीत वालिया अतिरिक्त उपायुक्त (विकास) ने कहा कि संगरूर स्थित यह जमीन अधिग्रहण संघर्ष समिति लगभग 7 गांवों में पंचायती जमीन का एक तिहाई हिस्सा 3 वर्षों से लीज पर लेने में सफल रही है और वह पिछले वर्षों के मुकाबले कम कीमत में। 

क्या कहते हैं नेता
इस संबंध में भूमि अधिग्रहण संघर्ष कमेटी की जनरल सैक्रेटरी परमजीत कौर लोंगोवाल ने कहा कि इस फैसला का वह स्वागत करते हैं, वहीं बाकी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार से इस मांग को प्राप्त करने के लिए अनुसूचित जाति समुदाय ने लंबे समय तक संघर्ष करके इस मामले का हल करवाया है।  बीबी लोंगोवाल ने कहा कि दलितों की अन्य मांगों और मुद्दों को लेकर संघर्ष चल रहे हैं वह उसी तरह जारी रहेंगे।

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