Edited By Tania pathak,Updated: 25 Nov, 2020 10:29 AM
परिवार की 2 महिलाएं कोरोना की कैटेगरी एसिप्टोमेटिक आई हैं और वह गुरु नानक देव अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल हैं, जबकि बाकी परिवार एक प्राइवेट होटल में रह रहा है...
अमृतसर (दलजीत): पाकिस्तान में 11 महीने रहने वाला गुजराती मुस्लिम परिवार अब कोरोना के चलते अमृतसर में फंस गया है। परिवार की 2 महिलाएं कोरोना की कैटेगरी एसिप्टोमेटिक आई हैं और वह गुरु नानक देव अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल हैं, जबकि बाकी परिवार एक प्राइवेट होटल में रह रहा है।
11 महीने पहले गुजरात में रहने वाला मुस्लिम परिवार पाकिस्तान के भुज इलाके की रहने वाले अपने रिश्तेदारों को मिलने गया था। परिवार के सदस्य उमर ने बताया कि वह लोग 11 जनवरी को गए थे। इसके बाद मार्च महीने में लॉकडाऊन हो गया। इधर, जब सरकारों ने लोगों को भेजना शुरू किया तो उन लोगों ने भी भागदौड़ करके वापसी करवाई।
कराची से चलने पर वह लोग नेगेटिव थे। लाहौर में एक रात होटल में रहे और उसके बाद वाघा के जरिए अटारी आए तो उनकी मां आशी बाई व बेटी सिमरन एसिम्टोमेटिक आ गईं और उनको यहां लाया गया है।
आशी बाई व सिमरन का इलाज और खाने-पीने की सभी व्यवस्था अस्पताल कर रहा है, लेकिन बाकी के 3 मैंबरों व साथ आई एक और महिला होटल में रुके हैं। अब इनके सामने रोटी का संकट खड़ा है। उमर के साले असलम ने बताया कि वे लोग किराए की गाड़ी कर परिवार को लेने यहां आए हैं। जब तक मरीजों को रिलीव नहीं किया जाता, तब तक वह लोग नहीं जा पाएंगे, ऐसे में उनके सामने रोटी का संकट है, क्योंकि इतने पैसे नहीं हैं कि होटल में ठहरा जा सके।
अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. जे.पी. अत्री ने कोरोना वार्ड में जाकर उन महिलाओं का हालचाल जाना और उनके इलाज व अन्य व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। उन्होंने स्टाफ को निर्देश दिया कि इनके इलाज में किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।