Edited By Kamini,Updated: 19 Jan, 2023 02:47 PM
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया है।
चंडीगढ़ (हांडा): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया है कि अगर कोई विधवा अपने पति के भाई से शादी कर लेती है तो भी वह फैमिली पेंशन की हकदार होगी। यह फैसला कोर्ट ने फतेहगढ़ साहिब के एक फौजी जवान की विधवा सुखजीत कौर की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया है। सुखजीत कौर ने याचिका दायर की थी कि उनके पहले पति मोहिंदर सिंह 1964 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे। वर्ष 1971 में मेडिकल आधार पर मोहिंदर सिंह को सेवानिवृत्त कर दिया गया और विकलांग पेंशन दी गई।
कुछ समय बाद, मोहिंदर सिंह एक साधारण कर्मचारी के रूप में फिर से सेना में शामिल हो गए। सुखजीत के पति मोहिंदर का 1974 में निधन हो गया और उन्होंने 1975 में एक बेटी को जन्म दिया। इसके बाद उन्हें फैमिली पेंशन दी गई। बाद में उसने अपने पति के भाई से दूसरी शादी कर ली तो उसकी पेंशन बंद कर दी गई। इसके बाद सुखजीत ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) चंडीगढ़ में याचिका दायर कर पेंशन बहाली की मांग की। केट ने 2016 में अपनी पेंशन बहाली याचिका भी खारिज कर दी थी।
इसके बाद सुखजीत कौर ने कैट के इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने बुधवार को पेंशन बहाली का आदेश जारी करते हुए अपने फैसले में कहा कि सेवा के दौरान और सेवा के बाद मृत्यु के बाद दोनों ही स्थितियों में विधवाओं को होने वाली समस्याएं समान हैं। कोर्ट ने कहा कि उस व्यक्ति की विधवा के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, जिसके पति की मौत सेना में ड्यूटी के दौरान या खराब स्वास्थ्य के कारण हुई हो।
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