कचरे से खाद बना शहर को संवारने का सपना

Edited By Sunita sarangal,Updated: 22 Jan, 2021 04:00 PM

dream of building a city composted with waste

शहर में रोजाना इकट्ठा होता है 3 टन कचरा, जालंधर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 6 महीने में कूड़ा साफ करना है मकसद

जालंधर(खुशबू): जालंधर शहर की सुंदरता खराब करने में सबसे बड़ा योगदान डालता है जगह-जगह बिखरा हुआ कूड़ा। नगर निगम द्वारा इसे साफ करने और इसका हल करने के लिए कई तरह के कदम उठाया जाते हैं लेकिन शहर को अभी भी तक इस समस्या से छुटकारा नहीं मिला हैं। वहीं शहर के रहने वाले हरप्रीत सिंह बड़वाल पिछले एक साल से कूड़े का निपटारा करने की कोशिश कर रहे हैं। हरप्रीत सिंह ने बताया कि वह तकरीबन पिछले एक साल से नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की गाइड लाइन के अनुसार शहर के सारे गीले कूड़े को इक्ट्ठा करके डिकंपोज करके उससे खाद बना रहे हैं।

उनके लोग शहर के होटल और विभिन्न इलाकों से गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग लेकर आते हैं। उसके बाद पूरी प्रोसेसिंग करके खाद तैयार की जाती है। शहर से अभी रोज तकरीबन 3 टन के करीब कूड़ा इक्ट्ठा होता है। इसके साथ ही वह आर्गेनिक गमले बनाते है जिसमें पौधे लगा कर उसे सीधे ही गमलों में लगाया जा सकते है।

PunjabKesari, dream of building a city composted with waste

नारियल के छिलकों का भी करते है इस्तेमाल
नारियल के खाली बाहरी हिस्सों को इक्ट्ठा करके सूखा कर उसके रेशे अलग करके वह पूरे प्रोसेस के बाद कोको खाद तैयार करते हैं जो कि पौधों के लिए काफी फायदेमंद होती है। जैसे कि अगर आप कहीं बाहर जा रहे हैं तो आप इसे गमले में डाल दे उसके बाद आपके गमले सूखेंगे नहीं। इसके बाद धीरे-धीरे यह अपने आप मिट्टी में मिक्स हो जाएगी।

सूखे कूड़े का प्रयोग कर बना रहे ईटें
उन्होंने बताया कि उनके पास जो भी सूखा कूड़ा आता है उसे साफ करके वह प्लास्टिक की बोतल में भर कर एक ईंट का रूप दे देते हैं। जिसे बाद में लोग अपने पार्क के चारों तरफ ईंट की तरह लगाने और दीवार बनाने के लिए ले जाते हैं। इसे वह बिना किसी पैसे के तैयार करते हैं।

लोगों को करते है जागरुक
टीम द्वारा वर्कशाप लगा कर लोगों को गीले कूड़े को और सूखे कूड़े को अलग रखने के बारे में जानकारी दी जाती है। हरप्रीत ने बताया कि उनका मकसद है कि आने वाले 6 महीनों में शहर को कूड़े की समस्या से छुटकारा दिलवाना है।

जैविक खाद बनाने के लिए 6 प्रक्रियाओं से पड़ता है गुजरना

1. सबसे पहले शहर के इलाकों से कूड़े को इक्ट्ठा करके सूखा और गीला कूड़ा अलग किया जाता है।

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2. इसके बाद गीले कूड़े को मशीन में डाल कर मिक्स और शरेड किया जाता है।

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3. इसके बाद इनकी विंडरो बना कर खाद बनाने के लिए रखा जाता है और कुछ दिनों बाद उसे रोज मिक्स किया जाता है।

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4. अब सूखे हुए जैविक मिक्चर को मशीन में डाल कर पीसा जाता है।  

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5. इस खाद की स्क्रीनिंग की जाती है ताकि वह पूरी तरह से बारीक हो जाए।

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6. इसके बाद जैविक रुप से तैयार की हुई खाद पूरी तरह से तैयार है।

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