Edited By Sunita sarangal,Updated: 15 Oct, 2020 10:23 AM
कैबिनेट ने पंजाब हैल्थ एंड फैमिली वैल्फेयर टैक्नीकल (ग्रुप सी) सर्विस रूल्ज, 2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत......
चंडीगढ़/जालंधर(अश्वनी, धवन): पंजाब मंत्रिमंडल ने कोविड संकट के मद्देनजर सेवामुक्त हो रहे डाक्टर्स और मैडीकल स्पेशलिस्ट्स को 1 अक्तूबर से 31 दिसम्बर , 2020 तक सेवा काल में 3 माह की वृद्धि और फिर से नौकरी पर रखने को मंजूरी दे दी है। यह फैसला पंजाब में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर किया गया है। देशभर में 72 लाख मामलों में से 1.25 लाख मामले राज्य में सामने आए हैं और इस बीमारी की चपेट में आने वालों के अलावा मौतों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ रही है। हालांकि डाक्टरों और पैरा-मैडीकल की भर्ती प्रक्रिया जारी है परंतु इसमें कुछ समय लग सकता है। इसके चलते राज्य सरकार ने मौजूदा समय नौकरी कर रहे डाक्टरों/स्पेशलिस्टों की सेवाएं जारी रखने का फैसला किया है।
पंजाब हैल्थ एंड फैमिली वैल्फेयर टैक्नीकल (ग्रुप सी) सर्विस रूल्ज, 2016 को मंजूरी
कैबिनेट ने पंजाब हैल्थ एंड फैमिली वैल्फेयर टैक्नीकल (ग्रुप सी) सर्विस रूल्ज, 2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत निर्धारित तरक्की कोटा स्टाफ नर्स के पद संबंधी 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया है और स्टाफ नर्सों के स्थायी मंजूरशुदा 4216 पद घटाकर 3577 कर दिए हैं। इससे योग्य उम्मीदवारों को स्टाफ नर्स के रिक्त पद और अनुसंधान और मैडीकल शिक्षा विभाग के हवाले के 639 पदों संबंधी प्रत्यक्ष भर्ती हेतु रोजगार के मौके मिलेंगे।
कैबिनेट की तरफ से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की डायलिसिस टैक्नीशियन के पद संबंधी भी इन नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है और प्रत्यक्ष भर्ती के लिए निर्धारित मौजूदा शैक्षिक योग्यता से छूट उन तकनीकी तौर पर योग्य उम्मीदवारों को भी शामिल किया है, जिन्होंने बी.एस.सी. (डायलिसिस टैक्नीशियन) पास की हुई है।