Edited By Vatika,Updated: 01 Nov, 2024 11:10 AM
पंजाब डेस्कः देश-भर में दिवाली के त्योहार की धूम है। इस साल अमावस्या 31 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से लग जाएगी, जिसकी समाप्ति 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगी। इस साल अमावस्या तिथि दोनों दिन रहने के कारण कोई 31 को दिवाली मनाएगा तो कोई 1 नवंबर को।
1 नवंबर का शुभ मुहर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त :17:35 से18:18 तक
अवधि :0 घंटे 43 मिनट
प्रदोष काल :17:35 से 20 तक
वृषभ काल :18:21 से 20:17 तक
दिवाली के दिन माता लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान गणेश की विशेष रूप से पूजा होती है। पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप करें – ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं।’ लक्ष्मी पूजा के बाद उनकी आरती करें, जो इस प्रकार हैंः-
माता लक्ष्मी की आरती
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता, मैय्या सुख संपत्ति पाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता, मैय्या सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैय्या वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती,जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥