PG में 3 लड़कियों की मौत का मामला: पढ़ने भेजा था, पता नहीं था शव लेकर जाने पड़ेंगे

Edited By Vatika,Updated: 24 Feb, 2020 10:09 AM

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2019 में केस दर्ज होने के बाद भी पी.जी. मालिक ने नहीं किए सुरक्षा के इंतजाम, प्रशासन की भी अनदेखी

चंडीगढ़(सुशील): असीं तां बेटियां नूं पढऩ लई चंडीगढ़ भेज्या सी। सानूं की पता सी उनां दे शव लै के जाणा पऊगा। यह कहते हुए मृतका रिया, मुस्कान और पाक्षी के परिजनों के आंसू नहीं थम रहे थे। जी.एम.सी.एच.-32 की मोर्चरी के बाहर रविवार सुबह करीब दस बजे हर आंख नम थी। छात्रा मुस्कान के परिजन तो बेटी को आग से झुलसी देख ही नहीं सके। उसके भाई और रिश्तेदार ने मोर्चरी में जाकर मुस्कान के शव की पहचान की। वहीं, पुलिस परिजनों को दिलासा देकर संभालने में लगी हुई थी। सैक्टर-34 थाना पुलिस ने तीनों छात्राओं के शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए डॉक्टरों का स्पैशल बोर्ड बनाया। डाक्टरों के बोर्ड ने मृतका रिया, मुस्कान और पाक्षी के शवों का पोस्टमार्टम करके परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाए कि चंद पैसों के लिए पी.जी. मालिक ने उनकी बेटियों को मौत के मुंह में झोंक दिया।

पी.जी. मालिक  2 दिन के पुलिस रिमांड पर
सैक्टर-32 स्थित कोठी नंबर 3325 में अवैध गल्र्स पी.जी. चलाने वाले नितेश बंसल को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया। सैक्टर-34 थाना पुलिस ने आरोपी नितेश बंसल को रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रैट के सामने पेश कर फरार आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस रिमांड मांगा। अदालत ने आरोपी नितेश को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस मामले में फरार आरेापी कोठी मालिक गौरव अनेजा और नितेश पोपली की तलाश कर रही है। 
 

रिया-पाक्षी को जाना था विदेश, मुस्कान को बनना था अफसर
रिया और पाक्षी को तो विदेश में सैटल होना था। चंडीगढ़ में आकर दोनों ही युवतियों विदेश जाने की तैयारी में लगी हुई थी। मृतका पाक्षी के भाई पुनीत ग्रोवर ने जी.एम.सी.एच.-32 की मोर्चरी के बाहर बताया कि पाक्षी का सपना कनाडा जाने का था। उसका भाई तीन साल पहले कनाडा जाकर सैटल हो गया था इसलिए पाक्षी एस.डी. कालेज से बी.बी.ए. के साथ कैनेडियन कोचिंग सैंटर में पढ़ाई कर रही थी। परिजन पाक्षी के शव को लेकर कोटकपूरा स्थित स्ट्टा बाजार कॉलोनी लेकर रवाना हो गए।

मुस्कान को आग ने चारों तरफ से घेर लिया था। इस कारण वह आग की लपटों में फंस गई। बेटी के चिल्लाने की आवाज भी कानों में गूंज रही है। यह कहना था पिता राजीव का। उन्होंने बताया कि बेटी मुस्कान चंडीगढ़ में पढ़ाई कर अफसर बनना चाहती थी। जिस समय पी.जी. में आग लगी, उस समय बेटी ने उन्हें फोन कर आग लगने की जानकारी दी लेकिन वह कोसों दूर बैठे होने के चलते कुछ नहीं कर पाए। भाई युवराज ने बताया कि बहन खालसा कॉलेज फॉर वूमैन की प्रधान रह चुकी थी। पिता राजीव, भाई युवराज और चाचा दिनेश मेहता मुस्कान का शव लेकर हरियाणा के हिसार रवाना हो गए। 

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