उपचुनाव : आखिर किस पार्टी को मिलेगी जालंधर वैस्ट हलके की सीट, दांव पर लगी दिग्गजों की साख

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 09 Jul, 2024 08:53 PM

by election which party will get the seat of jalandhar west constituency

जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कल यानि 10 जुलाई को मतदान हो रहा है और प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। यह सीट जीतना बीजेपी, आप और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। जालंधर वेस्ट की यह सीट किस पार्टी के खाते में जाएगी, यह तो वक्त...

जालंधर :  जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कल यानि 10 जुलाई को मतदान हो रहा है और प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। यह सीट जीतना बीजेपी, आप और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। जालंधर वेस्ट की यह सीट किस पार्टी के खाते में जाएगी, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन सत्ताधारी पार्टी समेत सभी राजनीतिक दलों के लिए यह प्रतिष्ठा का सवाल है।

बता दें कि शीतल अंगुराल साल 2022 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर जालंधर वेस्ट से विधायक बने थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए। यह सीट विधायक शीतल अंगुराल के बीजेपी में शामिल होने के बाद इस्तीफा देने से खाली हुई थी। इसलिए इस पर उपचुनाव कराया जा रहा है। 

जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ आप, कांग्रेस और भाजपा के बीच देखने को मिलेगा। इस बार बीजेपी से आए पूर्व मंत्री भगत चुन्नी लाल के बेटे मोहिंदर भगत, कांग्रेस से पूर्व डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर और आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए पूर्व विधायक शीतल अंगुराल चुनाव लड़ रहे हैं। सुरजीत कौर अकाली दल से चुनाव लड़ रही हैं, जिनके समर्थन में पार्टी का बागी गुट डटा हुआ है। जालंधर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव आम आदमी पार्टी सरकार के लिए अपनी छवि बचाने का सवाल बन गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत पार्टी के सभी मंत्री, विधायक और बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है, यहां तक ​​कि खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान भी अपने परिवार के साथ 15 दिनों तक जालंधर में डेरा डाले रहे।

वहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान इस सीट पर 45 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल करने वाली कांग्रेस पार्टी ने भी अपना दबदबा कायम रखने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। बीजेपी पार्टी भी हर हाल में इस सीट से चुनाव जीतना चाहती है। यह चुनाव राज्य की क्षेत्रीय पार्टी, शिरोमणि अकाली दल के एक अलग गुट के लिए भी प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया है, जो वर्तमान में दो गुटों में विभाजित है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि अकाली दल के अध्यक्ष और उनका गुट अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह के लिए खड़े होने के बजाय 'बसपा' उम्मीदवार बिंदर लाखा के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।
 
गौरतलब है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पूर्व सांसद सुशील रिंकू और विधायक शीतल अंगुराल के अलावा भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज होने के बावजूद वेस्ट हलके में भाजपा करीब 1550 वोटों से हार गई थी। अब बीजेपी इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है। वहीं, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत से कांग्रेसी काफी उत्साहित है। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की जीत से कांग्रेस के भी हौंसले बुलंद हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और जालंधर लोकसभा से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी भी इस सीट को जीतने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे है। ऐसे में अब देखना यह है कि 13 जुलाई को कौन सी पार्टी बाजी मारती है। 

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