कारोबारी प्राइवेट बैंकों में Account खुलवा कर रहे थे करोड़ों की हेराफेरी, जांच दौरान हुआ बड़ा खुलासा

Edited By Paras Sanotra,Updated: 27 May, 2023 10:01 PM

businessmen were opening accounts in private banks fraud of crores

बोगस बिलिंग के साथ जुड़े हवाला कारोबारी कुछ प्राइवेट बैंकों में फर्जी खाते खुलवा कर करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर रहे हैं।

लुधियाना (गौतम): बोगस बिलिंग के साथ जुड़े हवाला कारोबारी कुछ प्राइवेट बैंकों में फर्जी खाते खुलवा कर करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जी.एस.टी. व सी.जी.एस.टी. विभाग की तरफ से बोगस फर्मों को लेकर की जा रही जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है। जिस पर विभाग की तरफ से इस तरह के खातों पर नजर रखनी शुरू कर दी गई है और माना जा रहा है कि अब बैंकों को ऐसे खातों की रिपोर्ट विभाग को देनी होगी। इस फर्जी कारोबार में जहां इस धंधे से जुड़े लोगों को फायदा हो रहा है, वहीं कुछ प्राइवेट बैंकों में काम करने वाले कर्मी भी इसका पूरा आर्थिक लाभ उठा रहे हैं। जबकि इस बात का खुलासा जी.एस.टी. व सी.जी.एस.टी. विभाग की तरफ से की गई कार्रवाई में भी हो चुका है। कई खाताधारकों के खिलाफ विभाग की तरफ से कार्रवाई भी की गई है।

इनकम टैक्स विभाग की तरफ से पिछले दिनों इस तरह के कुछ खातों को सीज़ भी किया गया है जिस संबंध में सूत्रों का कहना है कि यह एक ही ग्रुप से जुड़े  लोगों के हैं जिनमें लाखों रुपए की राशि पड़ी है। यह लोग बोगस बिलिंग व हवाला कारोबारियों से जुड़े रहते हैं जिन्हें कैश की ज़रूरत पड़ती है। इन लोगों ने अपने ऑफिस बनाए हुए हैं। पिछले दिनों पुलिस को भी इस संबंध में शिकायतें मिली हैं और कई लोगों ने जी.एस.टी. विभाग से भी संपर्क किया था।  

ड्रग्स रैकेट के बाद एन.सी.बी. की जांच में हुआ था खुलासा: 

नारकोटिक्स क्राइम ब्यूरो की तरफ से पिछले दिनों पकड़ी गई 40 किलो हेरोइन के मामले की जांच के बाद भी यह बात सामने आई थी कि पकड़े गए ड्रग तस्कर किस तरह से अपनी दो नंबर की कमाई को एक नंबर की कमाई बनाने के लिए इस तरह के लोगों की सहायता ले रहे थे। इस मामले को लेकर भी एन.सी.बी. की तरफ से जांच की जा रही है। कुछ हवाला कारोबारियों से इस संबंधी विभाग ने पूछताछ भी की है। गौरतलब है कि एन.सी.बी. ने इस मामले में अक्षय छाबड़ा व दो अफगानी लोगों समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों की संपत्तियों को लेकर ई.डी. विभाग भी जांच कर रहा है।

इस गोरख धंधे से जुड़े लोग कैसे खुलवाते हैं खाता:

इस हवाला कारोबार के धंधे से जुड़े लोग अपने नजदीकी, नौकरों या जरूरतमंद लोगों को महीने का खर्च देने की बात कह कर उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज भी ले लेते हैं। उसके बाद कुछ प्राइवेट बैंकों में खाता खुलवाने के लिए किसी न किसी सी.ए. से एस.एम.ई. सर्टीफिकेट बनवा लेते हैं ताकि बैंक में जी.एस.टी. नंबर न देना पड़ा। यहां तक कि विभाग या बैंक से आने वाले ओ.टी.पी. के लिए मोबाइल नंबर भी खुद का देते हैं। यही से काम शुरू होता है गोरख धंधे का। साल में ही खातों में करोड़ों रुपए की ट्रांजेक्शन कर लेते हैं और जब खाताधारक को इनकम टैक्स विभाग या जी.एस.टी. की रेड के बाद पता चलता है तो खुद साइड पर होकर अपना बचाव कर लेते हैं।

कमीशन के हिसाब से करते हैं ट्रांजेक्शन: 

इस तरह का खाता खुलवाने के लिए यह लोग बोगस बिलिंग या हवाला कारोबार से जुड़े लोगों को कच्चे के पैसे 1 से 2 प्रतिशत पर देते हैं। इस तरह से खुद मोटी कमाई कर अपने जाल में फंसे हुए लोगों को ठग लेते हैं। बैंक समय खत्म होते ही यह लोग अपना कैश वापिस ले लेते हैं और अगले दिन फिर ट्रांजेक्शन शुरू कर देते हैं। इस धंधे में अपने कच्चे की लाखों की राशि लगाते हैं। इस संबंध में पुलिस के पास भी शिकायतें पहुंचनी शुरू हो गई हैं। अक्सर जब लोग इनकम टैक्स रिर्टन भरते हैं उन्हें कई बार तभी इस बात का पता चलता है।

कुछ प्राइवेट बैंक कर्मियों की भी होती है चांदी: 

इस धंधे को लेकर कुछ प्राइवेट बैंक कर्मियों की भी चांदी होती है क्योंकि इस तरह के खाते चलाने वाले लोगों से जुड़े कुछ प्राइवेट कर्मी उनके काम करने के बाद इंश्योरेंस पॉलिसी बेचते हैं जो कि उनको बैंक की तरफ से टारगेट मिलता है। इसके अलावा कुछ कर्मी उनके साथ मिल कर बोगस बिलिंग या हवाला में भी हिस्सेदारी रखते हैं और ट्रांजेक्शन में उनकी सहायता करते हैं और अपने आला अधिकारियों को कानों-कान खबर नहीं होने देते।

अब जी.एस.टी. विभाग की इन खातों पर रहेगी नज़र, बैंक भेजेंगे रिपोर्ट:

जी.एस.टी. व सी.जी.एस.टी. विभाग इस तरह के बैंकिंग लेन-देन को लेकर भी पैनी नजर रखने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि जिन बैंकों में इस तरह के खाते हैं उन्हें इस लेन-देन की रिपोर्ट विभाग को देनी होगी। इस संबंध में जल्द ही नये निर्देश दिए जा सकते हैं क्योंकि विभाग की तरफ से की गई कार्रवाई के बाद खुलासा हुआ था कि फर्जी बिल के जरिए यह हवाला लेन-देन के लिए किया जाता है। सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि बोगस बिलिंग करने वालों के पास आखिरी ट्रांजेक्शन होती है। इस गोरख धंधे के लिए यह लोग कई-कई खाते खुलवा कर रखते हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो बोगस बिलिंग व टैक्स चोरी को रोकने के लिए विभाग की तरफ से डाटा बेस व अन्य साधनों को शामिल करने की प्लानिंग की गई है।

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