ममता राज में हिंसा और दमनकारी चक्र का तांडव, निंदनीय और मानवता को शर्मसार करने वाला: चुघ

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 28 Aug, 2024 07:03 PM

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने बंगाल की घटना पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार के शासन में एक बेटी के साथ निर्ममता की सारी हदें पार कर दी गईं।

चंडीगढ: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने बंगाल की घटना पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार के शासन में एक बेटी के साथ निर्ममता की सारी हदें पार कर दी गईं। स्त्री की अस्मिता को तार-तार कर दिया गया, बेटी के माता-पिता को भटकाया जाता है - मगर ममता बनर्जी चुप हैं। ममता बनर्जी की सरकार पीड़िता के परिवार के प्रति अपनी पूरी असंवेदनशीलता का परिचय दिया है। यह स्थिति न केवल शर्मनाक है, बल्कि मानवता को भी शर्मसार कर देने वाली है।

चुघ ने कहा की पश्चिम बंगाल की सड़कों पर ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस द्वारा डॉक्टरों, युवाओं और महिलाओं पर हिंसा और दमन की घटनाएँ अत्यंत निंदनीय हैं। यह मानवता को शर्मसार करने वाली स्थिति है, जिसमें इंसाफ की मांग कर रहे डॉक्टरों, बंगाल के युवाओं और महिलाओं पर जो हिंसा और दमनकारी चक्र का जो तांडव देखने को मिला वह निंदनीय है। ममता बनर्जी सरकार द्वारा शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार को दबाना सभ्य समाज में अपमानजनक और शर्मनाक भी है।

चुघ ने कहा कि एक तरफ ममता बनर्जी की सरकार ने निर्ममता से दोषियों को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाया दूसरी ओर जब देश की युवा शक्ति ने अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने की कोशिश की तो उसे दबाने के लिए पुलिस बल का सहारा लिया, सरकार ने करीब 6,000 पुलिस जवानों को तैनात किया।  

चुघ ने कहा की बंगाल की सड़कों पर जब देश की युवा शक्ति और छात्रों ने अपनी आवाज़ उठाई, तो उन पर लाठियों से हमला किया गया। वाटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें दबाने की कोशिश की गई। लेकिन ममता बनर्जी, जो खुद एक महिला मुख्यमंत्री हैं, बंगाल की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल साबित हुईं। जनता न्याय की मांग कर रही है, लेकिन प्रशासन का कठोर रुख देखकर निराश है।

चुघ ने कहा कि बंगाल में ममता बनर्जी ने तानाशाही की सारी हदें पार कर दी हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या और संदेशखाली तथा RG मेडिकल कॉलेज के मामलों में दोषियों को बचाने की कोशिशें साफ दिखती हैं। सरकार और प्रशासन की मिलीभगत ने न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ममता बनर्जी का तानाशाही रवैया राज्य की स्थिति को और भी गंभीर बना रही है। हर मामले में गुनहगारों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है। ममता बनर्जी, एक महिला मुख्यमंत्री होते हुए, महिलाओं की सुरक्षा और न्याय की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी हैं। यह उनके शासन की विफलता है। चुघ ने कहा की कोलकाता और पूरे पश्चिम बंगाल की गलियों में ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ हजारों विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, जहां आम लोग ममता बनर्जी के खिलाफ अपने घरों से बाहर निकल आए हैं।

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