बरगाड़ी मोर्चा से नाराज हुए दादूवाल बोले, जत्थेदार मंड ने डिक्टेटर के तौर पर बरगाड़ी मोर्चा चलाया

Edited By Vaneet,Updated: 11 Dec, 2018 10:37 PM

baljit singh daduwal big statement on dhyan singh mand

बरगाड़ी मोर्चा की तरफ से जहां आज श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड अरदास करने के लिए पहुंचे, वहीं उनके जाने के 2 घंटे बाद सरबत खालसा ...

अमृतसर/पटियाला(सुमित/स.ह.): बरगाड़ी मोर्चा की तरफ से जहां आज श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड अरदास करने के लिए पहुंचे, वहीं उनके जाने के 2 घंटे बाद सरबत खालसा केजत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल गुरु घर में नतमस्तक हुए। पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए जत्थेदार दादूवाल ने ध्यान सिंह के साथ नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना था कि जिस तरह से ध्यान सिंह ने फैसला लिया है वह एक तानाशाही रवैया है और इसका सबूत मोर्चे को जल्दी खत्म करना है। इससे संसार भर के सिखों की भावना को ठेस पहुंची है।

उन्होंने ध्यान सिंह मंड द्वारा फतेहगढ़ साहिब में होने वाली अगले पड़ाव की मीटिंग में हिस्सा लेने से मना कर दिया और कहा कि वह अलग होकर सिखों के मसलों के लिए काम करेंगे। जब पूछा गया कि आप अलग माथा टेकने आए हो तो उन्होंने कहा कि वह अपने शुभङ्क्षचतकों और समर्थकों के साथ गुरु घर आए हैं। जब पूछा गया कि जत्थेदार अमरीक सिंह अजनाला या अन्य कोई उनके साथ है तो उन्होंने कहा कि मेरी जत्थेदार अजनाला के साथ बातचीत नहीं हुई।दादूवाल ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के स्थापित किए गए समानांतर जत्थेदार ध्यान सिंह मंड ने पूरी डिक्टेटरशिप के साथ बरगाड़ी मोर्चा चलाया और मोर्चा खत्म करते समय संगत को भरोसे में नहीं लिया गया। इस मामले पर कई बार उनके साथ बातचीत हुई परन्तु वह अपनी बात पर अड़े रहे। उन्होंने जत्थेदार मंड का कभी विरोध नहीं किया। 
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बरगाड़ी मोर्चा खत्म करने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि संगत की भावनाओं को अनदेखा किया गया। मोर्चे की प्राप्तियां बहुत हैं परन्तु जत्थेदार मंड ने बुद्धिमत्ता नहीं दिखाई। यह मोर्चा पंथ के सहयोग के साथ चला था, यदि 10-20 दिन और चल जाता तो कौन सा कुछ हो जाना था। यदि ऐसा होता तो आज जो कौम नाराज है, वह न होती। उनकी भावनाएं कौम के साथ हैं। उन्होंने हमेशा मोर्चे का समर्थन किया है परन्तु जत्थेदार मंड ने अपने स्तर पर ही फैसला ले लिया। उन्होंने कहा कि प्राप्ति तब होती यदि बादलों को गिरफ्तार किया जाता और इसके साथ ही सौदा साध को प्रोडक्शन वारंट पर लाया जाता। हमने कौन सा सड़कें या रेलें रोकी थीं जो हमारा संघर्ष गलत रास्ते पर पड़ रहा था। 
PunjabKesariहर समुदाय के लोगों ने शिरकत कर मोर्चा को बनाया सफल: जत्थेदार मंड
बरगाड़ी मोर्चा खत्म करने के बाद सरबत खालसा के जत्थेदार साहिब का एक वफद आज अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब में आया। उन्होंने अपने मोर्चे की कामयाबी की अरदास श्री अकाल तख्त साहिब पर की, साथ ही इस मोर्चे को एक सफल मोर्चा बताया। उन्होंने अपने मोर्चे की उपलब्धियों बारे बताया। उन्होंने बताया कि मोर्चे के अगले पड़ाव की मीटिंग 20 दिसम्बर को फतेहगढ़ साहिब में होगी जिसमें अगली रणनीति पर चर्चा की जाएगी। सरबत खालसा के जत्थेदार ध्यान सिंह मंड ने कहा कि उनके मोर्चे में हर समुदाय के लोगों ने शिरकत कर उनका साथ दिया है जिस कारण यह मोर्चा सफल हो सका है। 

उन्होंने बादल परिवार के श्री हरिमंदिर साहिब के माफीनामे को एक ड्रामा बताया और कहा कि उनकी गलतियां गुनाह हैं जिनको सजा की जरूरत है। बलजीत सिंह दादूवाल के न आने पर उन्होंने कहा कि वह और अमरीक सिंह अजनाला उनके साथ हैं। मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा करतारपुर कॉरीडोर पर विवादित बयान देने के मामले में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान ङ्क्षनदनीय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह इस तरह के बयानों से बाज आएं नहीं तो एक दिन उन्हें भी कौम से माफी मांगनी पड़ेगी। 

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