बाजवा का DGP को पत्र, मेरे या मेरे परिवार के जानी नुकसान के जिम्मेदार होंगे दिनकर गुप्ता

Edited By Mohit,Updated: 11 Aug, 2020 07:54 PM

bajwa s letter to dgp

मेरा या मेरे परिवार का किसी भी तरह का कोई जानी नुकसान होता है तो इसके..............

बटाला (बेरी): मेरा या मेरे परिवार का किसी भी तरह का कोई जानी नुकसान होता है तो इसके जिम्मेदार डी.जी.पी पंजाब दिनकर गुप्ता होंगे। इन विचारों का प्रकटावा आज डी.जी.पी पंजाब दिनकर गुप्ता व डी.जी.पी यू.टी संजय बैनीवाल को लिखे पत्र में सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने किया। उन्होंने अपने पत्र में सुरक्षा हटाए जाने को ’खतरे के आंकलन की रिपोर्ट का राजनीतिकरण’ बताया।

अपने पत्र में सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने लिखा कि मुझे पिछले 4 दशक से राष्ट्र विरोधी व कट्टरपंथी ताकतों से खतरा है और मेरे पिता स्व. सतनाम सिंह बाजवा पूर्व मंत्री ने पंजाब में आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपना जीवन लगा दिया। उन्होंने लिखा कि 1990 में एक नृशंस बम हमले में वह बाल-बाल बचे और केन्द्रीय एजैंसियों की ओर से खतरे के विश्लेषण के बाद मुझे 2013 में केन्द्र सरकार द्वारा डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मुझे अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की गई थी। उन्होंने लिखा कि जुलाई 2019 में गृह मंत्रालय द्वारा उनकी केंद्रीय सुरक्षा वापिस ले ली गई थी परन्तु बाद में नेता विपक्ष राज्य सभा गुलाम नबी आजाद द्वारा केन्द्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर मार्च 2020 में मेरी केन्द्रीय सुरक्षा को बहाल करवाया था। प्रताप सिंह बाजवा ने डी.जी.पी को स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह यह पत्र इसलिए नहीं लिख रहे हैं कि उन्हें सुरक्षा चाहिए बल्कि इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि खतरों के आंकलन की रिपोर्ट के राजनीतिकरण एवं सुरक्षा कर्मियों के आबंटन के ढंग से वह चिंतित हैं। उन्होंने लिखा कि राज्य सभा के सदस्य के तौर पर उन्होंने राज्य सभा में पंजाब का निडरता से प्रतिनिधित्व किया है और अन्याय व कुप्रथा के विरुद्ध अपनी अपनी आवाज उठाई है।

बाजवा ने आगे लिखा कि पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने कई बार राज्य की पुलिस, ड्रग नैकसस, अवैध शराब के उत्पादन व वितरण एवं पंजाब में बड़े पैमाने पर अवैध खनन जैसे मुद्दों को उठाया है ताकि राज्य की जनता को न्याय मिल सके। उन्होंने लिखा कि इसमें किसी को संदेह नहीं है कि माफिया पुलिस अधिकारियों, नागरिक प्रशासन व राजनीतिक संरक्षण के बिना काम नहीं कर सकता है। उन्होंने अपने पत्र में डी.जी.पी पंजाब दिनकर गुप्ता व डी.जी.पी यू.टी संजय बैनीवाल को स्पष्ट किया कि उनको मिलने वाली धमकी की धारणा पिछले कुछ वर्षों की खुफिया रिपोर्टों के आधार पर है परन्तु सरकार पर सवाल उठाने के अपने सार्वजनिक कर्तव्य को निभाने से रोकने के लिए, पंजाब पुलिस सुरक्षा को मनमाने ढंग से राजनीतिक हस्तक्षेप और कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सनक और फजीहत के कारण हटा दिया गया है।

उन्होंने डी.जी.पी से सवाल करते हुए पत्र में आगे लिखा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल और बिक्त्रमजीत सिंह मजीठिया सभी को केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी सुरक्षा प्रदान की है, आपने उसी आधार पर उनकी सुरक्षा वापस क्यों नहीं ली? बाजवा ने पत्र में आगे लिखा कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण, आपने पंजाब पुलिस द्वारा प्रदान की गई मेरी सुरक्षा वापिस ले ली है, जो स्वामित्व, स्वतंत्रता और पेशेवर नैतिकता के सभी असूलों के विपरीत है और स्थापित नियमों व विनियमों की अवहेलना है और आपके ख़ुफिया विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। इस बात के बावजूद कि आपने राजनीतिक स्वतंत्रता की वेदी पर अपनी स्वतंत्रता का बलिदान किया है, जो एक आईपीएस अधिकारी को सिखाए गए सिद्धांतों के विपरीत है। भारतीय पुलिस सेवा सबसे प्रतिष्ठित सेवा है और इसके अधिकारियों/सदस्यों से संपूर्ण पुलिस बल के लिए आदर्श होने की उम्मीद की जाती है।

उन्होंने पत्र में लिखा कि मैं दोहराता हूं कि मेरी पारिवारिक प्रतिष्ठा साहस और दृढ़ संकल्प की है और मैं पंजाब के लोगों के लिए न्याय की लड़ाई हमेशा लड़ता रहूंगा और यदि राज्य पुलिस की सक्यिोरिटी वापिस होने के कारण मुझे या मेरे परिवार को कोई शारीरिक नुक्सान पहुंचता है तो उसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।

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