भारतीय किसान यूनियन लखोवाल ने मोदी सरकार को दी चेतावनी

Edited By Mohit,Updated: 22 Oct, 2019 08:09 PM

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भारत सरकार की तरफ से प्रधान मंत्री नरिंदर मोदी थाईलैंड में जो 4 नवंबर को क्षेत्रीय..........

लुधियाना (सलूजा): भारत सरकार की तरफ से प्रधान मंत्री नरिंदर मोदी थाईलैंड में जो 4 नवंबर को क्षेत्रीय आर्थिक सांझीदारी पर हस्ताक्षर करने जा रहे है, को भारतीय किसान यूनियन लखोवाल के प्रधान अजमेर सिंह लखोवाल,सकतर जनरल रामकरन सिंह रामा व महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने मौत के वांरट पर हस्ताक्षर करने के सम्मान बताया है।

आज यूनियन पंजाब व हरियाणा के पदाधिकारीयों की सांझी मीटिंग करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए लखोवाल व रामा ने बताया कि भारत सरकार इस करार पर हस्ताक्षर करने को तैयार बैठी हुई है। जिससे किसानी के हित बुरी तरह प्रभावित होगे। उन्होंने पत्रकारो के सवालो के जवाब देते हुए बताया कि खेतीबाड़ी की पैदावार पर इम्पोर्ट डियूटी खत्म हो जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भारत सरकार द्वारा जिन देशों के साथ यह करार किया जा रहा है,उनके पास पहले से ही अनाज, दूध, मीट, आंडे, सब्जियां, फल, चीनी, लक्कड़ व दालो का बफर स्टॉक जमा है। उन देशों ने बिना किसी देरी के अपना माल भारत देश को सस्ते भाव पर भेजना शुरू कर देना है। इस वजह से खेतीबाड़ी की गंभीर समस्या खड़ी हो जाएगी। 

लखोवाल व रामा ने बताया कि विदेशी बीज कंपनियों को इस करार के हो जाने पर अधिक अधिकार मिल जाएगे। यहीं पर ही बस नहीं विदेशी कंपनियों को हमारी अदालतों को भी बाइपास करने के अधिक अधिकार मिल जाएगे। जमीन खरीदने के अधिकार भी विदेशी कंपनियों को मिल जाएगे। उक्त किसान नेतायों ने यह भी शंका जताई कि यह कंपनियां किसानों की जमीनो पर जबरी कब्जे कर लेगी। देश का किसान जमीन ना रहने पर मजदूर बन कर रह जाएगा। इस करार से छोटा व्यापार व छोटा कारखानेदार बरबाद हो जाएगा और देश की आर्थिकता बरबाद हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मोदी सरकार ने यह करार किया तो भारतीय किसान यूनियन इसका सख्त विरोध करते हुए देश भर में अंदोलन का बिगुल बजा देगी। इससे निकलने वाले नतीजो के लिए मोदी सरकार सीधे तौर पर जिम्मेवार होगी। 

कैप्टन सरकार ने एक भी वायदा पूरा नहीं किया
लखोवाल व रामा ने पंजाब सरकार पर बरसते हुए कहा कि कैप्टन सरकार ने चुनाव के समय पंजाब की जनता के साथ किए वायदों में से एक भी पूरा नहीं किया। आज भी पंजाब में नशा शरेआम बिक रहा है। पंजाब का किसान आर्थिक संकट के चलते हुए हर रोज ही खुदकुशियां करने को मजबूर है। आवारा पशूओं को नुकेल ना डालने से हादसे दिन प्रति दिन बढ़ रहे है कि जबकि सरकार व संबधित विभाग हाथ पर हाथ धर कर बैठे हुए है। सरकार को चाहिए कि पंजाब में 5 सलाटर हाऊस खोले जाए। 

कैप्टन सरकार को तख्ता पलट देने की दी धमकी
प्रधान अजमेर सिंह लखोवाल व सकतर जनरल रामकरन सिंह रामा ने धमकी देते हुए कहा कि यदि पराली जलाने के मामले में किसी भी किसान पर कोई कारवाई की गई तों कैप्टन सरकार का तख्ता पलट कर रख देगे। उन्होंने कहा कि पराली को आग लगाना किसानो का कोई शौक नहीं बल्कि मजबूरी है। धान की पराली को जलाने के लिए सीधे तौर पर पंजाब सरकार ही जिम्मेवार है क्योंकि ना तों सरकार किसानो को 90 फीसदी सब्सिडी पर मशीनरी प्रदान करवा रही है और ना ही 3000 रूपए प्रति एकड़ का मुआवजा देने को तैयार है।

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