Edited By Subhash Kapoor,Updated: 01 Nov, 2025 05:25 PM

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव, पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक परगट सिंह ने पंजाब दिवस पर पंजाबी यूनिवर्सिटी के सीनेट को भंग कर पंजाब के अधिकारों पर डाका मारने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की जमकर निंदा की।
जालंधर : जालंधर के कांग्रेस नेता व विधायक परगट सिंह ने पंजाब दिवस पर पंजाबी यूनिवर्सिटी के सीनेट को भंग कर पंजाब के अधिकारों पर डाका मारने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की जमकर निंदा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का मकसद एजुकेशन सिस्टम को कंट्रोल करना है। पंजाब यूनिवर्सिटी के सीनेट को भंग करना भी इसी का हिस्सा है, जोकि पूरी तरह से गैर संवैधानिक है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी और जल्द ही इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।
परगट सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एजुकेशन सिस्टम पर कंट्रोल करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। पंजाब यूनिवर्सिटी में होने वाले एक सैमीनार पर भी कितने सवाल खड़े कर दिए गए थे। स्टूडेंट्स से भी दाखिला फार्म में शर्तों पर साइन करवाए जा रहे हैं कि वह वहां कोई भी एक्टिविटी नहीं कर सकेंगे और कोई धरना नहीं लगा सकेंगे। यह उनके अधिकारों का हनन है। केंद्र ने पंजाब से यह अधिकार छीन लिया है।
इससे सात जिलों के एफिलिएटिड कालेजों, तीन रिजनल कैंपसों समेत डीपीआई कालेजेज पूरी तरह प्रभावित होंगे। उनको दरकिनार करके प्रक्रिया बना दी है, जो बिल्कुल सरकारी हो। स्टाफ अपने हिसाब का लगाया जा रहा है। तभी उनका कब्जा एजुकेशन सिस्टम पर रहे। उनका हर हमला पंजाब के समस्त ढांचे को कमजोर करने की साजिश है।
पूर्व मुख्मयंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बेअदबी और पुलिस भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए परगट सिंह ने कहा कि इसी कारण राहुल गांधी ने उन्हें उनके पद से हटाया था। ईडी के पूर्व डायरैक्टर निरंजन सिंह पर भी परगट भड़के। कहा कि नौकरी में रहते हुए जो अधिकारी बात नहीं करते और सेवामुक्त होने के बाद अगर सरकारों को घेरते हैं तो उनकी स्टेटमैंट का कोई मतलब नहीं है।